मंगल ग्रह पर उत्तरी सागर होने के मिले सबूत
Published: Mar 06, 2015 02:38:00 pm
मंगल ग्रह पर पानी ज्यादातर 1 से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो उत्तरी गोलार्द्ध में जमा होता है
नासा। 6 वर्ष के गहन अध्ययन के बाद नासा वैज्ञानिकों के दो ग्रह वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर उत्तरी समुद्र होने के नए सबूत हासिल कर लिए हैं। वैज्ञानिकों ने अपनी नई खोज के आधार पर कहा कि उत्तरी सागर का आकार उसके पूर्व में निश्चित किए गए आकार से बड़ा है। वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि यह नई खोज मंगल ग्रह पर जीवन तलाशने के अभियान में अहम साबित होगी।
नासा के गोडार्ड सेंटर फॉर एस्ट्रोलॉजी के प्रिंसीपल इंवेस्टिगेटर और शोधकर्ता माईकल मुम्मा ने बताया कि मंगल ग्रह पर उत्तरी सागर होने की बहस लम्बे समय से चलती आ रही है, लेकिन हाल ही में हुए इस शोध के परिणामों के अनुसार उत्तरी सागर की होने की पुष्टि होती है।
वैज्ञानिकों ने अपने शोध में ‘मंगल के वातावरण में पानी के दो अलग रूपों को अलग-अलग ढंग से मापा। दोनों ही प्रयोग में पृथ्वी पर किए जाने वाले प्रयोगों के सामान ही परिणाम आएं। दोनों रूपों में मंगल पर पानी उम्मीद के मुताबिक अनुपात में मौजूद हैं। शोध में पाया गया कि भारी पानी आज भी एक उच्च स्तर पर मौजूद है लेकिन हल्का पानी ग्रह के रूप बदलने के कारण नष्ट होने के संकेत मिले हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी पर पाए जाने वाले पानी की तुलना में मंगल में पाए जाने पानी में 8 गुना ज्यादा ड्यूटेरियम उपस्थित है। उन्होंने कहा कि मंगल पर प्राचीन समय में 450 फीट की गहराई तक पानी उपलब्ध था।
वैज्ञानिकों ने कहा कि मंगल ग्रह पर पानी ज्यादातर 1 से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो उत्तरी गोलार्द्ध में जमा होता है।