वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने परमाणु परीक्षण की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस संबंध में जल्द ही एक प्रस्ताव लाया जाएगा
वाशिंगटन। उत्तर कोरिया की ओर से एक और परमाणु परीक्षण किए जाने पर अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने प्योंगयांग को नए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की चेतावनी दी और स्पष्ट कर दिया कि अमरीका उसे कभी भी परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र के तौर पर स्वीकार नहीं करेगा। वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने परमाणु परीक्षण की कड़ी निंदा करते हुये कहा कि इस संबंध में जल्द ही एक प्रस्ताव लाया जाएगा।
परमाणु परीक्षण की सूचना मिलने के बाद ओबामा ने दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्वेन ही और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे के साथ विचार-विमर्श किया। ओबामा ने एक बयान में कहा, हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, हमारे छह पक्षीय साझेदारों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई ताकि मौजूदा कदमों को सख्ती से लागू किया जा सके और नए प्रतिबंधों सहित अतिरिक्त कदम उठाए जा सकें। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश एर्नेस्ट ने कहा राष्ट्रपति ने संकेत दिया है कि वह हमारे साझेदारों और सहयोगियों के साथ आने वाले दिनों में विचार-विमर्श जारी रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उत्तर कोरिया को उकसाने वाले कदमों को लेकर गंभीर परिणाम भुगतना पड़े।
उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध बढ़ाए जाने के ओबामा के बयान के समर्थन में हिलेरी
उधर, डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने उत्तर कोरिया द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वह राष्ट्रपति बराक ओबामा के उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध बढ़ाने के बयान के समर्थन में है। क्लिंटन ने कहा कि मैं उत्तर कोरिया की ओर से परमाणु परीक्षण किए जाने के बाद उस पर प्रतिबंध बढ़ाने के
उत्तर कोरिया ने अपना पाचवां परमाणु परीक्षण किया था। यह उसका सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण था । इस परीक्षण के साथ ही उत्तर कोरिया बैलिस्टिक रॉकेटों पर परमाणु मुखास्त्र ले जाने में सक्षम हो गया है। उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण स्थल के पास भूकंप जैसे झटके महसूस किए गए थे। अमरीकी भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग और यूरोपीय एजेंसियों के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.3 थी। दूसरी तरफ अमरीका, रूस, जापान, फ्रांस और ब्रिटेन सहित कई देशों ने उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण की कड़े शब्दों में निंदा की थी और इसे क्षेत्र की शांति तथा सुरक्षा के लिए खतरनाक बताकर प्योंगयोंग से इन्हें तुरंत बंद करने तथा सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का बिना शर्त पालन करने की अपील की थी।