दुनिया का सबसे एडवांस मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है THAAD, चीन भी आएगा इसकी जद में
वॉशिंगटन। नॉर्थ कोरिया द्वारा लॉन्ग रेंज मिसाइल लॉन्चिंग किए जाने से साउथ कोरिया और उसके सहयोगी सहयोगी सुरक्षा के लिहाज से चिंता में हैं। यही कारण है कि अमरीका एशिया में मिसाइल डिफेंस तैनात करने जा रहा है। हालांकि चीन इसका विरोध कर सकता है।
मालूम हो कि साउथ कोरिया के खुद की सुरक्षा के लिए मिसाइल डिफेंस सिस्टम लगाने की अटकलें लग रही थीं। साउथ कोरिया और अमेरिकी आर्मी अफसरों के मुताबिक अब अमरीका इस क्षेत्र में टर्मिनल हाई एल्टिट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम तैनात कर सकता है। यदि ऐसा होता है तो एशिया में यह ऐसा पहला मामला होगा जब खुद अमरीका को मिसाइल डिफेंस सिस्टम लगाना पड़ा हो।
बता दें कि जापान और अमरीका ने नॉर्थ कोरिया के रॉकेट दागने के दावे को झूटा करार देते हुए उसे लॉन्ग रेंज मिसाइल परीक्षण बताया था। अमरीका को डर है कि कहीं नॉर्थ कोरिया उस पर मिसाइल न दाग दे। इसलिए अमरीका का रूख नॉर्थ कोरिया की सीमा के निकट ही मिसाइल डिफेंस सिस्टम लगाने की ओर है, यानी नॉर्थ कोरिया द्वारा मिसाइल दागे जाने की संभावना में उसे हवा में ही मार गिराया जाएगा। लेकिन अमरीका के इस कदम से चीन की चिंता भी बढ़ गई है, चूंकि कोरियाई प्रायद्वीप में टर्मिनल हाई एल्टिट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम लगाए जाने से चीन भी इसकी जद में आ जाएगा। लेकिन साउथ कोरिया और जापान ने अमरीका के इस संभावित कदम को जायज माना है।
नॉर्थ कोरिया से बाहर नहीं निकल पाएगी मिसाइल
यदि अमरीका कोरियाई प्रायद्वीप में डिफेंस सिस्टम लगाता है तो यह नॉर्थ कोरिया की मिसाइलों के लिए बड़ा जवाब होगा। टर्मिनल हाई एल्टिट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम (THAAD), जो कि दुनिया का सबसे एडवांस मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है, हमलावर मिसाइल को इंटरसेप्ट करने के बाद उसे फौरन तबाह कर देता है। यूएस का दावा है कि वर्ष 2005 के बाद हुए सभी परीक्षणों में यह 100 फीसदी खरा उतरा है। इसकी ऑपरेशनल रेंज 200 किलोमीटर है, जो कि मिसाइल को नॉर्थ कोरिया की सीमा से बाहर नहीं निकल पाने देगा। सिस्टम में लगे रडार किसी भी खतरे को डिटेक्ट कर सकते हैं और लांचर से छूटी मिसाइलें हमलावर मिसाइलों को चंद सेकेंडों में मार गिराने में सक्षम हैं।