स्पेस एक्स रॉकेट कंपनी ने शनिवार को कैलिफोर्निया तट पर स्थित वांडेनबर्ग एयर फोर्स अड्डे से फॉल्कन 9 रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। स्पेस एक्स के इस रॉकेट में इरीडियम सेटेलाइट वॉइस एंड डाटा कंपनी के 10 सेटेलाइट हैं।
वॉशिंगटन. अमरीका की स्पेस एक्स रॉकेट कंपनी ने शनिवार को कैलिफोर्निया तट पर स्थित वांडेनबर्ग एयर फोर्स अड्डे से फॉल्कन 9 रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। लॉन्चिंग के कुछ ही मिनट बाद रॉकेट के पहले चरण का हिस्सा प्रशांत महासागर में बने प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित उतर गया। पिछले वर्ष सितम्बर में मिली नाकामी के बाद कंपनी का यह पहला अभियान है। स्पेस एक्स के इस रॉकेट में इरीडियम सेटेलाइट वॉइस एंड डाटा कंपनी के 10 सेटेलाइट हैं। स्पेस एक्स कंपनी पिछले सप्ताह ही साल का अपना पहला रॉकेट लॉन्च करना चाहती थी, लेकिन पिछले साल बड़े हादसे का शिकार होने के बाद फूंक-फूंक कर कदम रख रही कंपनी ने खराब मौसम के कारण इसे टाल दिया था।
फेसबुक का सैटेलाइट हो गया था तबाह
सितंबर 2016 में अमरीका के फ्लोरिडा स्थित लॉन्च पैड पर ही स्पेस एक्स फॉल्कन-9 रॉकेट में टेस्ट के दौरान धमाका हो गया था। इस ब्लास्ट में फेसबुक का सैटेलाइट एमोस-6 भी तबाह हो गया। सैटेलाइट के तबाह होने के बाद फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने अफसोस जाहिर करते अपने फेसबुक अकाउन्ट पर लिखा था कि हम सभी लोगों को आपस में जोडऩे के अपने मिशन के प्रति प्रतिबद्ध हैं और ये सैटेलाइट जो सुविधा देने वाला था, उस लक्ष्य को पाने तक काम करते रहेंगे।
यह है फेसबुक की योजना
दरअसल, फेसबुक यूटेलसैट कम्यूनिकेशन्स के साथ साझेदारी में इजरायल में बने एमॉस-6 उपग्रह का इस्तेमाल करना चाहती थी। इसके जरिए सब-सहारा अफ्रीका के देशों में बड़ी संख्या में लोगों के लिए फेसबुक के इंटरनेट डॉट ओआरजी के तहत ब्रॉडबैंड इंटरनेट मुहैया कराने की योजना थी। एमॉस-6 उपग्रह की कीमत 20 करोड़ डॉलर से ज्यादा थी।