स्वराज ने कहा कि हालांकि यह दुखद है कि जो देश शांतिसैनिक उपलब्ध करवाते हैं, वे कोई निर्णय लेने में भूमिका नहीं निभा सकते। इस दिन मैं उन लोगों को श्रद्धांजलि देना चाहती हूं जिन्होंने दुनियाभर में शांति के लिए अपनी जान दे दी।
सुषमा ने कहा कि भारत शांति के लिए पिछले 25 सालों से अपने सैनिक दुनियाभर में भेजता रहा है। हम पिछले 25 सालों से आतंकवाद का दंस झेल रहे हैं। न्यूयॉर्क भी आतंकी हमला झेल चुका है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भविष्य इस बात पर निर्भर है कि आज हम सबसे बड़े खतरा आतंकवाद से कैसे निपटते हैं।
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को ऎसे देशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी जो आतंककारियों को पनाह देते हैं, उन्हें प्रशिक्षण देते हैं या फिर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में मदद मुहैया करवाते हैं। आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता। पाकिस्तान की ओर से जम्मू कश्मीर में आतंकवाद फैलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, 2008 में भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए आतंकी हमले में सिर्फ आम लोग ही नहीं मरे, बल्कि आतंकी भी मारे गए। इस जघन्य घटना को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड अभी भी आजाद घूम रहे हैं।
सुषमा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जवाब देते हुए कहा कि हमने दो जिंदा आतंकी पकड़े हैं और पता है कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। आतंकवाद और बातचीत साथ साथ नहीं चल सकते। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के चार बिंदुओं की जरूरत नहीं है। आतंकवाद को रोकें और फिर बातचीत करें।
उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आपके बीच रूस के ऊफा में बातचीत हुई थी।