साइबर चोरी पर चीन के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की तैयारी में अमरीका
Published: Aug 31, 2015 09:17:00 pm
अमरीका चीन की उन कम्पनियों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है
जिन्हें चीन के हैकरों द्वारा अमरीका की व्यापारिक गोपनीय जानकारियों की साइबर चोरी
से फायदा हुआ है
वाशिंगटन। अमरीका चीन की उन कम्पनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है जिन्हें चीन के हैकरों द्वारा अमरीका की व्यापारिक गोपनीय जानकारियों की साइबर चोरी से फायदा हुआ है। यह पता नहीं चल सका है कि प्रतिबंधों को कब से लागू किया जाना है पर प्रशासन से जुड़े सूत्रों के अनुसार अगले दो सप्ताह के भीतर प्रतिबंध लगा दिए जाने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले माह अमरीका के दौरे पर आने वाले हैं। यह उनका अमरीका का पहला राजकीय दौरा है। ऎसे में अमरीका के इस कदम को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जानकारी के अनुसार अमरीका चीन के हैकरों पर अपनी सरकारी एजेंसियों और 42 करोड़ वर्तमान एवं पूर्व सरकारी कर्मचारियों से सम्बंधित गोपनीय जानकारियों को चुराने का आरोप लगाता रहा है। जबकि चीन ने इस तरह के आरोपों का हमेशा खंडन किया है। अमरीकी साइबर विश्लेषकों का कहना है कि चीनी हैकर सेंध लगाने के लिए उच्च तकनीक वाली रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे इसके लिए जासूसों की नियुक्ति कर रहे हैं और सुरक्षित डाटा तक पहुंच बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
ओबामा के आदेश पर पहली बार अमल!
अखबार ने लिखा है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस वर्ष की शुरूआत में साइबर जासूसी की संदिग्ध विदेशी कम्पनियों और नागरिकों की संपत्ति के उपयोग पर रोक लगाने सम्बंधी कार्यकारी आदेश जारी किया था। अगर चीन की कम्पनियों और नागरिकों पर प्रतिबंध लगता है तो यह ओबामा के आदेश का पहली बार उपयोग होगा।