थामसन ने कहा कि मेरी मुख्य रुचि इस पर बातचीत करने की रहेगी कि वर्ष 2030 के टिकाऊ विकास के एजेंडे को लागू करने की गति को बढ़ाने में संयुक्त राष्ट्र किस तरह सहायता कर सकता है।
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के नवनिर्वाचित अध्यक्ष पीटर थॉमसन अगले हफ्ते जब भारत आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकाल करेंगे तो बातचीत के एजेंडा में सबसे ऊपर टिकाऊ विकास ही रहेगा। रवानगी से पहले बुधवार को अपने बयान में थामसन ने कहा कि मेरी मुख्य रुचि इस पर बातचीत करने की रहेगी कि वर्ष 2030 के टिकाऊ विकास के एजेंडे को लागू करने की गति को बढ़ाने में संयुक्त राष्ट्र किस तरह सहायता कर सकता है।
वर्ष 2030 के एजेंडे में वैश्विक विकास के 17 लक्ष्य हैं जिन्हें विश्व के नेताओं ने वर्ष 2015 में स्वीकार किया है और जिन्हें हासिल करने के लिए 2030 अंतिम समय सीमा तय की गई है। थॉमसन अभी संयुक्त राष्ट्र में फिजी के स्थायी प्रतिनिधि हैं। उन्हें जून में महासभा के 71वें सत्र के लिए अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है। इस सत्र की शुरुआत अगले माह से होगी। वह डेनमार्क के मोजेंस लाइकेटोफ्ट का स्थान लेंगे।
महासभा के अलगे सत्र के दौरान थॉमसन भारत के लिए महत्वपूर्ण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सुधार प्रक्रिया को फिर से शुरू करने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। यह प्रक्रिया इस सत्र में अच्छी शुरुआत के बाद से रुकी हुई है। वह इससे पहले सुरक्षा परिषद की सुधार की धीमी गति की आलोचना कर चुके हैं और संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों से इससे निपटने के लिए अधिक प्रयास करने का आह्वान कर चुके हैं।
महासभा अध्यक्ष के प्रवक्ता डान थामस के अनुसार, सोमवार को उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का कार्यक्रम तय है। उनका विदेश मंत्री सुषमा स्वराज एवं मंत्रालय की सचिव सुजाता मेहता से भी मिलने का कार्यक्रम है। दिल्ली जाने से पहले वह चीन में वहां के प्रधानमंत्री ली केक्यांग और विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि एशिया प्रशांत महासागरीय देश फिजी से हूं। मैं जिस क्षेत्रीय समूह से आता हूं, उसके दो सबसे बड़े देशों की यात्रा के अवसर से मैं खुश हूं।
महासभा अध्यक्ष कार्यालय के पास सीमित पैसा होता है जिससे उसकी गतिविधियों में परेशानी होती है। इसी वजह से महासभा के अध्यक्षों को बाहर की मदद लेनी पड़ती है। पिछले माह भारत ने इसमें 2.5 लाख डॉलर का योगदान किया ताकि महासभा के अध्यक्ष का कार्यालय स्वतंत्र ढंग से चल सके। थॉमसन को अंतर्राष्ट्रीय नेतृत्व का बहुत अनुभव है। वह वर्ष 2010-11 में महासभा के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वह भारत की सदस्यता वाले विकासशील देशों के संगठन समूह 77 के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या निधि (यूएनएफपीए), दोनों के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं।