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आसान नहीं है अमरीका-पाक की एफ-16 डील, अब भी हैं अड़चनें

ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन के इस फैसले के बाद भारत ने दिल्ली में मौजूद अमरीकी एंबेसेडर को तलब किया

Feb 14, 2016 / 02:26 pm

Rakesh Mishra

f 16 fighter jets

f 16 fighter jets

वाशिंगटन। पाकिस्तान को अमरीका से एफ-16 लड़ाकू विमान मिलना इतना आसान नहीं होगा। पाकिस्तान के साथ इस सौदे को लेकर अमरीकी कांग्रेस में मतभेद हैं। यह मतभेद और गहराया तो ओबाम प्रशासन को वोटिंग का सामना करना पड़ सकता है। अमरीकी कांग्रेस में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है, ऐसे में ओबामा प्रशासन की यह डील फंस भी सकती है। बता दें कि अमरीका ने पाकिस्तान को आठ एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पेंटागन के रक्षा एजेंसी ने कहा कि विमान की बिक्री को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई थी। एजेंसी ने कहा कि पाकिस्तान को यह लड़ाकू विमान इस उम्मीद से साथ दिया जा रहा है ताकि वह वर्तमान तथा भविष्य में आतंकवाद के साथ-साथ अपनी रक्षा चुनौतियों से भी मुकाबला कर सके।

भारत ने दिल्ली में मौजूद अमरीकी एंबेसेडर को तलब किया
70 करोड़ डॉलर की इस डील के तहत पाकिस्तान को लॉकहीड मार्टिन ग्रुप के बनाए इन प्लेन के अलावा राडार और बाकी इक्विपमेंट्स भी मिलेंगे। ये प्लेन हर तरह के मौसम में हमला करने की काबिलियत रखते हैं। ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन के इस फैसले के बाद भारत ने दिल्ली में मौजूद अमरीकी एंबेसेडर को तलब किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि हम ओबामा प्रशासन के पाकिस्तान को एफ-16 विमानों के विक्रय की अधिसूचना जारी करने के निर्णय से निराश हैं। हम उनके इस तर्क से असहमत हैं कि ऐसे हथियार आतंकवाद से लडऩे में सहायक होंगे। इस बारे में पिछले कई वर्षों का (पाकिस्तान का) रिकॉर्ड स्वत: स्पष्ट है।

रिपब्लिकर पार्टी के सीनेटर से जताया था एतराज
इससे पहले विदेश मंत्री जॉन केरी को लिखे एक पत्र में रिपब्लिकन पार्टी के एक सीनेटर बाब कोरकर ने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान देने पर रोक लगाने की मांग की थी। कोरकर ने कहा था कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों को सुरुक्षित पनाहगाह मुहैराया कराता है और वह एक धोखेबाज सहयोगी है।

इसके बाद में राष्ट्रपति ओबामा प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पाकिस्तान को लड़ाकू विमान दिए जाने की वकालत करते हुए कहा था कि पाकिस्तान को अमरीका की ओर से दी जाने वाली सुरक्षा मदद उसके आतंकवादरोधी और उग्रवादरोधी अभियानों में योगदान देती है। उन्होंने कहा था पाक को यह सहायता आतंकी संगठनों को कमजोर करने के लिये दी जा रही है।

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