आईएस के खिलाफ जंग नहीं हार रहा अमरीका : ओबामा
Published: May 22, 2015 06:14:00 pm
अमरीका के
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि उनका देश इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के
खिलाफ जंग नहीं हार रहा
वाशिंगटन। अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि उनका देश इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ जंग नहीं हार रहा है। हालांकि उन्होंने माना कि इराकी सेना को सहायता देने के लिए कुछ क्षेत्रों में आईएस के खिलाफ लड़ने के लिए सुन्नी लड़ाकों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है।
ओबामा की यह प्रतिक्रिया आईएस द्वारा इराक के शहर रामादी और सीरिया में पल्माइरा पर कब्जा कर लेने के बाद आई है। एक साक्षात्कार में ओबामा ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम हार रहे हैं। हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि रामादी पर आईएस द्वारा कब्जा कर लिया जाना एक बड़ा झटका है।
ओबामा ने इसकी वजह इराकी सुरक्षा बलों के समुचित प्रशिक्षण नहीं हो पाने को बताया। उन्होंने कहा कि वहां तैनात सेना को पिछले एक साल से कोई अतिरिक्त सहायता नहीं मिली थी और न ही किसी तरह का प्रशिक्षण दिया गया था।
इराक में बदलते हालात के बीच भी ओबामा ने एक बार फिर इससे इंकार कि उनका देश वहां सेना भेजने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का इरादा आईएस से लड़ने के लिए सुन्नी लड़ाकों को प्रशिक्षण देना है।
इराक में 2,000 टैंक रोधी हथियार भेज रहा अमरीका
अमरीका का रक्षा मंत्रालय इराक में आतंकवादी गुट इस्लामिक स्टेट (आईएस) का मुकाबला करने के लिए 2,000 टैंक रोधी हथियार भेजेगा। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता स्टीव वारेन ने कहा कि ये हथियार अगले सप्ताह तक इराक पहुंच जाएंगे। आईएस से मुकाबले के लिए अमरीका युद्ध सामग्रियों और अन्य उपकरणों की इराक में तेजी से आपूर्ति कर रहा है।
इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी के अप्रैल में वाशिंगटन दौरे तक अमरीका ने 250 माइन रेजिस्टेंट एम्बुस प्रोटेक्टेड (एमआरएपी) वाहन, 2,000 हेलफायर मिसाइल, 10,000 बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट व छोटे हथियार, टैंक तोपखाने और टैंक रोधी हथियारों सहित लाखों की संख्या में गोला-बारूद शामिल हैं।
वारेन ने कहा कि ये हथियार इराक सरकार के लिए हैं, जो इन्हें अपनी सेना में वितरित करेगी। इसके साथ ही कुर्दिश और सुन्नी लड़ाके भी इसका इस्तेमाल करेंगे। अमरीका ने जोर देकर कहा है कि हथियारों को सीधे कुर्दो और सुन्नियों को देने की बजाय उसकी योजना इराक सरकार को सशक्त करने की है। आईएस से मुकाबले का यही सबसे बेहतर तरीका है।