वॉशिंगटन. अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उस विधेयक पर वीटो का इस्तेमाल किया है, जिसमें 9/11 हमलों के पीड़ितों के परिजनों को सऊदी अरब के खिलाफ मुकदमे की इजाजत दिए जाने की बात की गई है। ओबामा के इस फैसले का पीड़ितों ने विरोध किया है। सऊदी अरब भी लंबे समय से इस बिल का विरोध करता रहा है। उधर, पीड़ितों ने अपना दुख जाहिर करते हुए ओबामा के फैसले को शर्मनाक करार दिया।
हमले में 15 सऊदी अरब के नागरिक शामिल थे
बता दें कि 11 सितंबर, 2001 के आतंकी हमले में शामिल 19 हाईजैकर्स में से 15 सऊदी अरब के नागरिक थे। उधर, ओबामा ने कहा कि इस कदम का अमरीका के राष्ट्रीय हितों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। बता दें कि आतंकवाद के प्रायोजकों के खिलाफ न्याय (जेएएसटीए) अधिनियम को रिपब्लिकन पार्टी के नियंत्रण वाली कांग्रेस के दोनों चैम्बरों ने पारित कर दिया था। ओबामा ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से संप्रभुता संबंधी पुराना अंतरराष्ट्रीय सिद्धांत खतरे में पड़ जाता और इससे अमरीकी हितों एवं विदेश में रह रहे देश के नागरिकों पर बुरा प्रभाव पड़ता।
डोनाल्ड ने कहा, ओबामा का फैसला गलत
ओबामा ने कहा कि अगर यह वैश्विक स्तर पर लागू हो जाता है तो इसका देश के राष्ट्रीय हितों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा और इससे निकटतम साझेदारों के साथ हमारे संबंध भी जटिल हो सकते हैं। ओबामा के इस निर्णय की आलोचना करते हुए रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि आतंकवाद के प्रायोजकों के खिलाफ न्याय विधेयक को लेकर ओबामा का वीटो इस्तेमाल करने का निर्णय शर्मनाक है। यह उनके राष्ट्रपति काल के सबसे निचले बिंदुओं में से एक माना जाएगा।