एक लिखित वक्तव्य जारी करते हुए अमरीकी राष्ट्रपति कहा, “मुझे और प्रधानमंत्री नेतन्याहू को विश्वास है कि यह समझौता इजरायल को उसके खतरनाक पड़ोसियों से सुरक्षित करने में उसकी मदद करेगा।” अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार यह समझौता अरब देशों को खासा परेशान कर सकता है।
समझौते से जु़ड़ी वास्तविक धनराशि का खुलासा नहीं किया गया है लेकिन समझौते से जुड़े करीबी अधिकारियों के अनुसार इजरायल को हर वर्ष 3.8 अरब डॉलर मिलेंगे। इससे पहले के 10 सालों के समझौते में वह 3.1 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष की मदद मुहैया करवा रहा था।
इस समझौते में राष्ट्रपति बराक ओबामा की नेशनल सिक्यॉरिटी एडवाइजर सुजन राइस तथा इजरायल के एक्टिंग नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जैकब नाजेल ने इस समझौते में अहम भूमिका निभाई है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतयाहू ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर इस समझौते की पुष्टि की है। नेतनयाहू ने कहा कि दोनों देश समझौते पर पहुंच गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार समझौते के तहत मिली रकम का कुछ हिस्सा इजरायल मिलिटरी प्रॉडेक्ट्स पर खर्च करेगा। इजरायल अपनी मिलिटरी को नई तकनीक से जोड़ेगा। फंड के कुछ हिस्से को इजरायल आंतरिक रूप से भी खर्च करेगा।
ये हैं समझौते की खास बातें
नए समझौते के तहत फंड के एक हिस्से को मिलिटरी इंधन पर खर्च करने की इजरायल की सामर्थ्य भी खत्म होगी।
इसके साथ ही एक शर्त और भी जोड़ी गई है कि कि इजरायल कांग्रेस से और फंड अप्रूव कराने को नहीं कहेगा। यह स्थिति तब तक कायम रहेगी जब तक इजरायल किसी नए युद्ध का सामना नहीं कर रहा हो।
हिलेरी और डॉनल्ड ट्रंप ने भी किया समर्थन
अमरीका के भावी राष्ट्रपति बनने के लिए चुनाव लड़ रहे रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट हिलरी क्लिंटन ने भी चुने जाने पर इजरायल को भरपूर मदद देने का वादा किया है। यूएस-इजरायल डील में पहली बार मिसाइल डिफेंस प्रोग्राम्स को भी शामिल किया गया है। पहले के समझौते के तहत अमेरिकी कांग्रेस ने मिसाइल प्रोग्राम के लिए अलग से फंड की मंजूरी दी थी और यह सालाना आधार पर था।