मलेरिया बीमारी से लड़ने वाला यह अनोखा सॉफ्टवेयर मच्छरों से होने वाली बीमारियों की रोकथाम में मदद करेगा
मेंगलुरू। अब मच्छरों के काटने से होने वाली
मलेरिया बीमारी से लड़ने वाला
सॉफ्टवेयर भी आ चुका है। इस सॉफ्टवेयर को सबसे पहले मेंगलुरू सिटी कॉर्पोरेशन द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है। मलेरिया से लड़ने वाला यह अनोखा सॉफ्टवेयर मच्छरों के जरिए होने वाली बीमारियों से रोकथाम में मदद करने वाला है।
95 करोड़ एंड्रॉयढ स्मार्टफोन का काम तमाम कर देगा यह SMSदेश में पहली बारदेश में ऎसा पहली बार ऎसा हो रहा है जब कोई लोकल अर्बन बॉडी मच्छरों और बीमारियों से लड़ने के लिए ऎसे सॉफ्टवेयर का प्रयोग में ले रही है। गौरतलब है कि कर्नाटक में मलेरिया महामारी के समान समस्या है। इसी वजह से यहां पर इस सॉफ्टवेयर को बड़े पैमाने पर प्रयोग में लाया जा रहा है। इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कॉर्पोरेशन, हॉस्पिटल्स, लैब्स और फील्ड वर्कर्स द्वारा किया जाएगा।
इस तरह होगा इस्तेमालयह सॉफ्टवेयर मोबाइल अथवा टैबलेट्स में काम में लिया जाएगा तथा इसका इस्तेमाल 55 मल्टि-परपज वर्कर्स (एमपीएमएस) के जरिए किया जाएगा। कॉर्पोरेशन ड्यूटी कमिश्नर गोकुलदास के मुताबिक इस सॉफ्टवेयर का तीन बार फील्ड ट्रायल किया जा चुका है। उनके मुताबिक इसे अगस्त के दूसरे सप्ताह में जारी किया जा रहा है।
सावधान! आपके कंप्यूटर में घुस सकता है ये खतरनाक वायरससॉफ्टवेयर ऎसे करता है कामयदि किसी इलाके में मलेरिया का कोई मामला सामने आता है तो सॉफ्टवेयर की सहायता से सर्वर पर इससे जुड़ी डिटेल्स अपलोड की जाएंगी। इसके बाद मल्टि-परपज वर्कर्स जीपीएस तकनीक वाले मोबाइल फोन अथवा टैबलेट्स लेकर उस इलाके में जाएंगे। वहां पर मच्छर पैदा होने वाली जगहों की तस्वीरें और अन्य जानकारियां अपलोड करेंगें। इसके बाद यह सॉफ्टवेयर मलेरिया की रोकथाम के लिए जरूरी कदम और इलाके का मैप डिस्प्ले करेगा। फिर मच्छरों के प्रजजन को रोकने के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएंगें।