उन्होंने कहा कि मोदी को दलितों से इतना ही प्रेम है तो वो सिर्फ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का खंडन कर दें। लखनऊ स्थित बसपा पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने केंद्र और राज्य सरकार को दलित विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का दलित प्रेम सिर्फ एक दिखावा है।
मायावती ने कहा कि आरक्षण बचाने के लिए प्रधानमंत्री जान की बाजी लगाने के बजाय मौजूदा सरकार की नीतियां तय करने वाले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान का खंडन कर दें, जिसमें उन्होंने आरक्षण की समीक्षा करने की बात कही थी।
मायावती ने कहा कि मोदी की जाति पहले पिछड़ी जाति नहीं थी। मोदी को पिछड़ा बताना सियासी हथकंडा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस मौकापरस्त है।
उन्होंने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वे पिछड़ों के हितैषी हैं तो प्रमोशन में आरक्षण के मामले पर शांत खामोश क्यों हैं? मायावती ने कहा कि भाजपा देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है। आरक्षण के मामले में भी वह साजिश कर रही है।
उन्होंने आरक्षण मुद्दे पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर भी हमला बोला। दोनों दलों को उन्होंने दलित विरोधी बताया।
निर्वाण दिवस के दिन ही क्यों ढहाया अयोध्या का विवादित ढांचा?
मायावती ने विरोधी राजनितिक दलों पर निशाना साधते हुए सवाल किया है कि आखिर क्यों और किसके इशारे पर अयोध्या के विवादित ढांचे को निर्वाण दिवस के ही दिन ढहाया गया।
मायावती ने भाजपा, कांग्रेस और सपा को दलित विरोधी करार देते हुए कहा कि डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के निर्वाण दिवस छह दिसम्बर को ही अयोध्या में विवादित ढांचा ध्वस्त किये जाने की जांच होनी चाहिए।
बसपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि निर्वाण दिवस का महत्व कम करने के लिए भाजपा और उससे जुडे संगठनों ने ऐसा करवाया था।
आरक्षण बयान को भी रखा कटघरे में
मायावती ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत के आरक्षण संबंधी बयान को दलितों के खिलाफ बडी साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि आरक्षण समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। बसपा चाहती है कि गरीब सवर्णों को भी आरक्षण मिले लेकिन दलितों और अतिपिछडों के कोटे को काटकर नहीं।
सीबीआई के ज़रिये डराने की हो रही कोशिश
मायावती ने कहा कि उन्हें एक बार फिर केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) के माध्यम से डराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके वे न तो किसी से डरती हैं और न ही घबराती हैं।
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्वकाल में भी उन्हें ताज कारिडोर मामले में फंसाने की कोशिश की गई थी लेकिन सीबीआई जांच में वह निर्दोष साबित हुईं।
इसी तरह अब राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में सीबीआई का डर दिखाया जा रहा है लेकिन वह डरने वाली नहीं हैं। इससे आने वाले चुनाव में भाजपा का ही नुकसान होगा।
इस्तीफा दें सीएम अखिलेश
पूर्व मुख्यमंत्री ने मौजूदा मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को मंत्रिमंडल में फेरबदल करने के बजाय कानून व्यवस्था के बदतर हालात की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
मंत्रिमंडल फेरबदल करके सूबे के खराब हालात का ठीकरा बर्खास्त मंत्रियों पर फोडने की कोशिश की जा रही है। जबकि गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास है।