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गूगल फोटोज ने किया नस्लभेद, मांगनी पड़ी माफी

Published: Jul 02, 2015 02:16:00 pm

ऐसा पहली बार नहीं है कि इमेज रिकगनिशन सोफ्टवेयर ने काले रंग की त्वचा वाले लोगों को पहचानने में गलती की है।

google photos lable

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गूगल फोटोज के इमेज रिकगनिशन सोफ्टवेयर की गलती की वजह से गूगल पर नस्लभेद करने का आरोप लगा है। असल में गूगल फोटोज में दो अफ्रीकन-अमरीकन लोगों की फोटो का लेबल गौरिल्ला बताया गया था। बवाल मचने के बाद गूगल को इस गलती के लिए माफी मांगी है।

हाल ही में गूगल फोटोज में दिखाई दिए दो अफ्रीकन-अमरीकन को इमेज रिकगनिशन ने गौरिल्ला का लेबल दिया था। इस नस्लभेदी लेबल की जानकारी ब्रूकलिन, न्यूयार्क के रहने वाले प्रोग्रामर जैकी एलसिने ने सोशल मीडिया पर दी। ट्विटर पर पोस्ट करके उसने सीधे गूगल को भी इस बेजा गलती को बताया। गूगल ने इस इश्यू पर तुरंत कार्रवाही की और गलती को ठीक किया। गूगल के प्रतिनिधि ने इस गलती के लिए खेद प्रकट किया और माफी मांगी।

https://twitter.com/jackyalcine/status/615331869266157568



गूगल के प्रवक्ता के अनुसार गूगल फोटोज की ऑटोमैटिक लैबलिंग में अभी भी बहुत सारा काम किया जाना शेष है। गूगल की कोशिश है कि इस तरह की वाहियात गलतियां भविष्य में ना हों।

ऐसे सामने आई गूगल फोटोज की गलती
21 साल के प्रोग्रामर जैकी एलसिने अपने गूगल फोटोज अकाउंट में फोटोज चैक कर रहे थे। उन्होंने देखा कि गूगल ने गौरिल्ला नाम से एक फोल्डर बना हुआ है। इसमें केवल उसके अफ्रीकन-अमरीकन दोस्तों की ही फोटोज थे। ये फोटोज 2013 में लिए गए थे।

एलसिने का कहना है कि हालांकि गूगल ने तुरंत इस गलती को ठीक कर लिया, लेकिन इस गलती से बचा जा सकता था अगर ऐसा सिस्टम बनाया जाता जिसमें ज्यादा डार्क त्वचा के लोगों को आसानी से पहचाना जा सकता।

Flickr, HP भी कर चुके हैं ऐसी ही गलती
ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी इमेज रिकगनिशन सोफ्टवेयर ने काले रंग की त्वचा वाले लोगों को पहचानने में गलती की है। इससे पहले HP और Flickr ने भी इसी तरह की गलतियां की थीं। असल में अब तक ऐसा कोई सोफ्टवेयर नहीं आया है जो काले रंग की त्वचा वाले लोगों को ठीक से पहचान सके।

ऐसे काम करता है गूगल फोटोज का लेबल

गूगल में जो भी फोटोज आप डालते हैं, गूगल उसको अपने फोटो पहचानने वाले सोफ्टवेयर से पहचान कर एक लेबल देता है। यानि की एक ही तरह की फोटोज को वह अलग-अलग नाम के फोल्डर में डाल देता है।
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