नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद देशभर में ज्यादातर लोग लेन—देन से लेकर एटीएम से पैसे निकालने के लिए डेबिट और क्रेडिट काम में ले रहे हैं। लेकिन अब डेबिट और क्रेडिट यूजर्स के लिए चेतावनी वाली खबर है। क्योंकि ऑनलाइन भुगतान को धोखाधड़ी से बचाने के लिए किये गये सभी फीचर्स को तोड़ने में सफलता हासिल करने वाले वैज्ञानिकों ने ये खुलासा किया है। उनके मुताबिक महज 6 सेकेंड में कोई भी हैकर क्रेडिट और डेबिट कार्ड की संख्या, उसकी मान्यता समाप्त होने की जानकारी और सुरक्षा कोड का पता लगा सकता है।
ऐसे करते हैं डेबिट और क्रेडिट कार्ड हैक
हैकर्स डेबिट और क्रेडिट कार्ड की सुरक्षा से जुड़ी विभिन्न तरह की जानकारी स्वचालित रूप से और प्रणाली के जरिए इकटठा करके और उन्हें विभिन्न वेबसाइटों पर डालकर कुछ महज कुछ ही सेकेंड में उसकी सुरक्षा संबंधी सभी आंकड़े जुटा सकते हैं।
इस साइबर हमले यूज ये तकनीक
अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि इसी तकनीक को हैकर्स ने टेस्को साइबर हमले में किया था। न्यूकासल की टीम का कहना है कि अगर आपके पास लैपटॉप और इंटरनेट कनेक्शन है तो यह काम और भी आसान हो जाता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक इस तरह के हमले से दो कमजोरियों का पता लगता है जो अपने आप में बहुत गंभीर नहीं हैं। यदि इन दोनों कमजोरियों का इस्तेमाल एक साथ कर लिया जाए तो वो पूरे भुगतान प्रणाली के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।
वर्तमान भुगतान प्रणाली में ये है खामी
शोधकर्ताओं के मुताबिक वर्तमान भुगतान प्रणाली विभिन्न वेबसाइट्स के जरिए किये जाने वाले भुगतान के कई अमान्य अनुरोधों का पता लगाने में असक्षम है। उनका कहना है कि वर्तमान ऑनलाइन प्रणाली में विभिन्न वेबसाइट्स के जरिए एक ही कार्ड के लिए कई अमान्य भुगतान अनुरोध को समझने की क्षमता नहीं है। इसीलिए साइट्स के जरिए अनगिनत अनुरोध किये जा सकते हैं। लेकिन उनका भी कहना है कि केवल वीजा नेटवर्क पर ही इस तरह की हैकिंग की जा सकती है।