भगवान की भक्ति कर संयम को धारण कर इस जन्म को सार्थक बनाओ उक्त उद्गार मुनिश्री पूज्यसागर जी महाराज ने कहे
अशोकनगर. जन्मदिन मनाना है तो भगवान की भक्ति के रुप में मनाओ, मंदिर जाओ, व्रत उपवास करो, जन्मदिन को प्राश्चित के रुप में मनाओ। भगवान महावीर स्वामी ने बताया है कि मरण महोत्सव मनाओ जन्मदिन के दिन से ही भगवान की भक्ति कर संयम को धारण कर इस जन्म को सार्थक बनाओ उक्त उद्गार मुनिश्री पूज्यसागर जी महाराज ने सुभाषगंज जैन मंदिर परिसर में चल रही धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहे।
उन्होनें बताया कि समाज पाश्चात्य सभ्यता को देखकर बहुत जल्दी प्रभावित होता है। उच्च विचारों बाला व्यक्ति उच्च कहलायेगा और यदि जैन कुल में जन्म लिया और नीच कार्य किए तो नीच कहलाओगें। अपने कार्याे से ही कुल का पता लगता है। उन्होनें बताया कि बच्चों पर मॉ का प्रभाव पडता है। स्त्री को बच्चे पैदा करना है उसकी कोख जितनी शुद्ध होगी उसका बच्चा उतना शुद्ध होगा। वह महिला शीलवत्ती होती है इसलिए उसे संवारा जाता है। अज्ञानी लोग पर भव नही मानते है उन्हें ज्ञान नही है कि नरक भी होता है और वह पाप कर रहें है। उभय कुलबंदिनी महिला होती है। महिला सुधरेगी तो कुल सुधरेगा महिलाओं की मर्यादा होती है। जींस शर्ट पहनकर उल्टे सीधे नाचे गाए बच्चे पैदा करने शक्ति खत्म हो गई जिसके कारण नपुंसक हो गए। जिसकी बजह से दवाई खाना शुरु कर दी। महिला की मर्यादा साडी पहनने से ही होती है। उन्होनें कहा कि भावना भाओ कि हम अब कुरीतियों में भाग नही लेगें। हम वृती होते है तो हमें देखकर दूसरे भी सुधरते है लोग इक्कठा होकर संघर्ष करेगें तो कुरीतियां मिटेगी।
इस दौरान ब्रह्मचारी मुकेश भैया ने कहा कि संत समागम करने वाला संत भले ही न बने संतोषी अवश्य बनता है। महाराज जी ने जो चार नियम दिलवाये है उनका हम पालन करेगें। उन्होनें लोगों को किटी पार्टी में नही जाने, गिद्ध भोज में भाग नही लेने, महिला संगीत नही करने तथा शादी की सालगिरह प्रयाश्चित के रुप में मनाने के लिए नियम दिलवाये। उन्होने नियम लेने वालों को एक अंकित मित्रा गुना का वाट्सएप नंबर 9926247717 पर चारो नियम लिखकर भेजना है। समय समय पर गुरु आज्ञा मिलेगी जिन्हें हम पालन करेगें।