अशोकनगर. भारतीय जन नाट्य संघ
इप्टा द्वारा पांच दिवसीय नाट्य संगीत, एकाग्र कार्यशाला का आयोजन किया
गया। पांचवें दिन कार्यशाला के दौरान युवराज होटल में संगीत रचनाओं का
प्रदर्शन किया गया।
अशोकनगर. भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा द्वारा पांच दिवसीय नाट्य संगीत, एकाग्र कार्यशाला का आयोजन किया गया। पांचवें दिन कार्यशाला के दौरान युवराज होटल में संगीत रचनाओं का प्रदर्शन किया गया।
कार्यशाला का संचालन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली की रिपेटरी से जुड़े युवा रंगकर्मी मोहनसागर ने किया। इस दौरान कार्यशाला में संगीत और नाटक से जुड़े 20 से ज़्यादा युवतर प्रतिभागियों ने इतने कम समय में जो प्रस्तुति दी उसने खचाखच भरे सभागार में बैठे दर्शकों को अभिभूत कर दिया। हिन्दी नाटकों में नाटक की एकरसता दूर करने, गति प्रदान करने, नाटक के सम्प्रेषण में गीत संगीत का प्रयोग किया गया। इस संगीत की अपनी अलग प्रकृति होती है। नाट्य संगीत की कार्यशाला में अपने नाट्य अनुभव से मोहनसागर ने कार्यशाला में गीत रचनायों पर इप्टा के कलाकारों के साथ अभ्यास किया और कार्यशाला के समापन पर इनका प्रदर्शन किया गया। इसे देख दर्शक एक नए कला अनुभव से परिचित हुए।
कार्यशाला में मोहन सागर के साथ कैलाश शर्मा, सिद्धार्थ, हर्ष, दिनेश योगी ने वाद्य यंत्रो के साथ संगत की और प्रतिभागी कलाकार आदित्य रूसिया, मयंक जैन, समीक्षा, अनुपम तिवारी, सत्यभामा, शिवानी, सौरभ, दीपिका, कबीर, दर्श, दिनेश, आयशा, सलोनी, रूपाली, खुशी, अनुष्का, सृष्टि आदि कलाकारों ने अपनी कला से लोगों को रोमांचित कर दिया। कार्यक्रम का संचालन पंकज दीक्षित ने किया। इप्टा की अध्यक्ष सीमा राजोरिया ने रंग संगीत पर आधार वक्तव्य दिया। कार्यक्रम में रतनलाल, संजय माथुर, राजकुमार विश्वकर्मा आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।