त्रियविमान महोत्सव में उमड़े श्रद्धालु, जगह-जगह उतारी श्रीजी की आरती, प्रशांतमति माताजी ने बताई विमानों की महिमा
चंदेरी. भगवान महावीर स्वामी की विशाल शोभायात्रा परम पूज्य संत शिरोमणी 108 आचार्य विद्यासागर जी महाराज की विदुशी शिष्या आर्यकार रत्न 105 श्री प्रशान्तमति माताजी, श्रीविनतमति माताजी, श्रीशैलमति माताजी एवं श्री विशुद्धमति माताजी के पावन सानिध्य में श्रीदिगम्बर जैन चौबीसी मंदिर से निकाली गई जो श्रीपाश्र्वनाथ दिगम्बर जैनमंदिर होते हुये बजरिया मोहल्ला होते हुए मूसावावडी से सदर बाजार में पहुंची। जहां भगवान के विमानों का पाण्डाल प्रवेश नपा उपाध्यक्ष परिवार मौजीलाल शरद साद द्वारा किया गया।
सदर बाजार पाण्डाल में विमानों का चल समारोह धर्मसभा में परिवर्तित हो गया। जहां पर फूलमाला, ज्ञानमाला, चरित्रमाला आदि के पात्रों का चयन किया गया। जहां पर आर्यका रत्न 105 श्रीप्रशान्तमति माताजी ने विमानों की महिमा बताते हुये कहा कि विमानो का नगर भ्रमण इसलिए कराया जाता है कि जो लोग मंदिरों में जाकर दर्शनों को लाभ नहीं ले सकते वह अपने घरों के सामने ही भगवान की आरती कर धर्म लाभ उठा सकते हैं। श्रीजी की शोभा यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों के सामने रंगोलियां सजाई एवं श्रीजी की आरती की। इस दौरान श्रीजी की शोभायात्रा में सर्वप्रथम खंदार सेवादल का दिव्यघोष चल रहा था, लोग चाचड़ खेलते हुये चल रहे थे।
शोभायात्रा में एक ओर जहां पुरुष वर्ग सफेद वस्त्र धारण किये थे वहीं महिलाएं आर्यिकारत्न माताओं के पीछे केशरिया वस्त्रों में चल रहीं थीं। सदर बाजार में माताजी के उपदेश के वाद श्रीजी की शोभा यात्रा अतिशय क्षेत्र खंदारगिरी पर पहुंची। जहां पर भगवान महावीर स्वामी की शांतिधारा अभिषेक, पूजन आदि किया गया। तद्उपरांत बाहर से पधारेे हुये धर्माम्वलम्बियों सहित सभी लोगों को सहभोज कराया गया। विमान उत्सव को सफल बनाने में भियांदात कमेटी अध्यक्ष अनिल रोकडिय़ा, चौबीसी ट्रस्ट अध्यक्ष महावीर चौधरी, उपमंत्री राकेश कठरिया, प्राणपुर अध्यक्ष उमेश धमासिया, हाट का पुरा अध्यक्ष अखिलेश चुनटया तथा बाबूलाल जैन सहित समाज के लोगों ने समारोह को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।