नगर की करीब 10 प्रतिशत आबादी अभी भी करती है खुले में शौच, सार्वजनिक शौचालय हुए अनुपयोगी, नपा ने शुरू किया व्यक्तिगत शौचालय निर्माण
अशोकनगर. जिले में स्वच्छ भारत अभियान को लेकर कलेक्टर लगातार प्रयास कर रहे हैं। लेकिन नगर में ही उनके इस प्रयास की और स्वच्छ भारत अभियान की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं।नगर की करीब 10 प्रतिशत आबादी अभी भी खुले में शौच का दंश झेल रही है। जिन बस्तियों में नपा ने सार्वजनिक शौचालय बनवाए थे, उनके लोग भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।
जिले के स्वच्छता अभियान में पिछडऩे के बाद कलेक्टर बाबूसिंह जामौद ने इसे प्राथमिकता में लिया है और अक्टूबर 2017 तक जिले के खुले में शौच मुक्त बनाने का लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया। जिला अधिकारियों से लेकर मैदानी कर्मचारियों तक सभी को इस दिशा में काम करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके बाद अभियान ने अचानक गति पकड़ ली है और लोगों को खुले में शौच से रोकने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं।
लेकिन नपा के रिकार्ड के अनुसार शहर में ही वर्तमान में 2600 परिवार शौचालय विहीन हैं।ये वे परिवार हैं, जिन्होंने शौचालय बनवाने के लिए नपा में आवेदन किया है। इसके अलावा नगर में और भी ऐसे परिवार हो सकते हैं, जिसकी संभावना खुद नपा सब इंजीनियर अशरफ खान ने भी व्यक्त की है। इसके अलावा नपा के सार्वजनिक शौचालय भी उपयोग में नहीं आ रहे हैं। साफ-सफाई व देखरेख के अभाव में अतिक्रमण और टूट-फूट हो जाने से शौचालयों का उपयोग नहीं किया जा सकता। जिसके कारण लोग शौचालय होने के बावजूद खुले में शौच जा रहे हैं।
गौराघाट आदिवासी बस्ती में करीब 11 साल पहले नपा ने सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करवाया था। करीब 1500 लोगों की इस बस्ती में इक्का-दुक्का परिवारों को छोड़कर सभी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। नपा द्वारा बनाया गया शौचालय अब गायब हो चुका है। यहां के लोग डिग्री कॉलेज के पास खाली पड़े मैदान में व तालाब के किनारे शौच के लिए जाते हैं।
पठार मोहल्ला में बीज निगम से नीचे उतरकर सार्वजनिक शौचालय बने हुए हैं। इनकी हालत यह हैकि ये चारों ओर से झाडिय़ों व गंदगी से घिरे हुए हैं। एक भी शौचालय में दरवाजा नहीं है। सीट टूट-फूट चुकी हैं। जिसके कारण इनका उपयोग नहीं किया जा सकता है। वहीं शशीन्द्र राणा पांच साल पहले बनाया गया बनाया गया शौचालय भी टूटे पड़े हुए हैं। अब इनमें कोई शौच के लिए नहीं जाता। यहां के लोग बापू विद्यालय परिसर, ईदगाह के पास वाले मैदान व श्मघाट के मैदान में शौच के लिए जाते हैं।
वाल्मीक मोहल्ला में बने छह शौचालयों में एक भी उपयोगी नहीं है। गेट, सीटें व मुर्गे टूट चुके हैं। शौचालय होने के बावजूद बस्ती के सैंकड़ों लोग खुले में शौच जाते हैं। यहां के लोग आसपास के खाली प्लाटों व मैदान में शौच के लिए जाते हैं। लोगों ने बताया कि उन्हें सुबह 04.00 बजे से उठकर जाना पड़ता है। वहीं श्मशाट के पास बनाए गए शौचालय भी खराब हो गए हैं।
सार्वजनिक शौचालयों में पानी न होने व सफाई न होने के कारण ये हालात बने हैं। लोग शौच के लिए केवल एक लौटा पानी ही लेकर जाते हैं, ऐसे में शौचालयों का साफ बने रहना संभव नहीं है। इसलिए शौचालयों के ऊपर ही पानी की टंकी भी होने चाहिए, ताकि शौच के बाद पानी डालकर सीट को साफ किया जा सके। इसके साथ ही नपा को शौचालयों की नियमित मरम्मत, साफ-सफाई व देखरेख भी करनी चाहिए।
नपा द्वारा नगर के 1000 घरों को चिंहित कर व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया गया है। सब इंजीनियर ने बताया कि स्वीकृत शौचालयों में से फिलहाल करीब 150 शौचालयों का निर्माण हो चुका है। शेष का निर्माण जारी है। जल्द ही 1600 नए शौचालयों का निर्माण भी शुरू होगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया प्रगतिरत है। टेंडर होते ही निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।
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