चीनी मुस्लिम अधिकारी ने कहा, बुर्का चरमपंथ और पिछड़ेपन की निशानी
Published: Sep 26, 2015 10:28:00 am
चीन के एक अधिकारी ने मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने वाले बुर्के को चरमपंथी पोशाक कहते हुए इसे पिछड़ेपन की निशानी बताया
बीजिंग। चीन के एक अधिकारी ने मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने वाले बुर्के को चरमपंथी पोशाक कहते हुए इसे पिछड़ेपन की निशानी बताया है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार शिनचियांग उग्यूर स्वायत्त क्षेत्र समिति के एक मुस्लिम अधिकारी स्वेकेत इमीन ने कहा, “हम उग्यूर लोग खुद भी महिलाओं को इस तरह के कपड़े पहने नहीं देखना चाहते और आंखों को ढंककर बुर्का एक तरह के पिछड़ेपन का प्रतीक बन जाता है।” अधिकारी ने कहा कि कुछ लोग अपनी पहचान छिपाने के लिए बुर्के का दुरूपयोग करते हैं। कुछ लोग बच्चों का अपहरण करने के लिए बुर्का पहनते हैं।
शिनचियांग से जुड़ा श्वेतपत्र जारी
इमीन ने शुक्रवार को शिनचियांग से जुड़ा “श्वेतपत्र” जारी क रने के बाद कहा कि बुर्का कोई जातीय अल्पसंख्यक पोशाक या मुस्लिम परिधान नहीं है बल्कि “चरमपंथ का परिधान” है। यह श्वेतपत्र उग्यूर मुस्लिम बहुल प्रांत में सरकारी नीतियों को रेखांकित करने के लिए जारी किया गया। शिनजियांग में देश के मुख्य हिस्से से बड़ी संख्या में हान जातीय समूह के आकर बसने को लेकर अशांति बनी हुई है।
सभी की हिफाजत के लिए चरमपंथ का दमन
श्वेतपत्र में प्रांत के इस्लामी आतंकियों पर चीन की कार्रवाई का यह कहते हुए बचाव किया गया है कि धार्मिक चरमपंथ का दमन मुस्लिमों समेत सभी लोगों की हिफाजत के लिए उठाया गया “एक सही कदम” है। इसमें कहा गया कि जिहादी विचारधारा युवाओं को निर्दोष लोगों की हत्या के लिए गुमराह कर रही है।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और अफ गानिस्तान जैसे देशों की सीमा से लगा शिनचियांग अलकायदा समर्थित अलगाववादी ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) के बढ़ते हिंसक हमलों का सामना कर रहा है।