बीजिंग। चीन और रूस ने दक्षिण चीन सागर में आठ दिवसीय नौसेनाभ्यास का सोमवार से शुभारंभ कर दिया है। चीनी नौसेना के एक प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी दी। इंटरनेशनल ट्राइब्यूनल के फैसले के बाद किसी देश का यह पहला युद्धाभ्यास होगा।
दक्षिण चीन सागर में रूस और चीन का पहला नौसैनिक अभ्यास है जो दक्षिण चीन के गुआंगदोंग प्रांत में होगा। रिपोर्टों के अनुसार यह चीन के नाइन डैश लाइन से नजदीक नहीं है जिसे हेग की मध्यस्थता अदालत ने जुलाई में खारिज कर दिया था। चीन की नौसेना ने रविवार को एक बयान में कहा कि यह एक नियमित युद्धाभ्यास है और किसी दूसरे देश के खिलाफ लक्षित नहीं है।
चीन और रूस के बीच का यह संयुक्त नौसैनिक युद्धाभ्यास अपनी तरह का पांचवा है। इसकी शुरुआत 2012 में हुई थी। पिछले साल यह युद्धाभ्यास दो चरणों में पूरा हुआ था।
लियांग यांग के अनुसार, ज्वाइंट सी-2016 नामक इस अभ्यास में दोनों सेनाओं ने अपने नेवी सरफेस शिप्स, सबमरीन, फिक्सड-विंग एयरक्रॉफ्ट, शिपबॉर्न हेलीकॉप्टर्स मरीन कॉप्र्स और सशस्त्र उभयचर उपकरणों को शामिल किया है। इस अभ्यास में भाग ले रहे अधिकांश चीनी प्रतिभागी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी(पीएलएएन) के नन्हाई बेड़े से आते हैं।
लियांग ने कहा, अभ्यास के दौरान चीनी और रूसी प्रतिभागी रक्षा, बचाव, और पनडुब्बी रोधी संचालन के साथ ही संयुक्त द्वीप अधिकार और अन्य गतिविधियों में भी शामिल होंगे।
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