बीजिंग. चीन ने एक साहसिक कदम उठाते हुए परमाणु क्षमता लैस न्यूक्लियर सबमैरिन को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का निर्णय लिया है। ताकि नौ सेना की बढ़ती ताकत को देखकर देश की जनता का आत्मबल और ज्यादा मजबूत हो सके। इसके पीछे चीनी सेना का मकसद अपने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ईमेज को लोगों के बीच में प्रभावी रूप से स्थापित करना है। इसके पीछे एक खास वजह कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा आगामी दिनों में संभावित आम सभा में राष्ट्रपति चुना जाना है। बताया जा रहा है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी शी जिनपिंग को दुबारा राष्ट्रपति चुनने का कठिन निर्णय ले सकती है।
एयरक्राफ्ट करिअर एडवांस स्टेज में
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने इस बात की भी घोषणा की है कि उसका नवनिर्मित एयरक्राफ्ट करिअर का विकास एडवांस स्टेज में है। जहाज का ढांचा पहले की तैयार हो चुका है। जहाज के डिजाइन वर्क भी पूरा हो गया है। अब कुशल श्रमिकों द्वारा शिप पर अन्य उपकरणों को सेट करने का काम जारी है।
चीन राष्ट्रवाद को मिलेगा बढ़ावा
अभी तक दुनिया के किसी भी देश ने न्यूक्लियर सबमैरिन से युक्त जहाज को अपने संग्रहालय में प्रदर्शित नहीं किया है। इस बारे में सरकारी विशेषज्ञों का कहना है कि यह निर्णय शिप का एडवांस स्टेज, सबमैरिंस और विपंस को लोगों को दिखाने के लिए किया गया है। इससे लोगों के जेहन में चीनी राष्ट्रवाद को बढ़ावा मिलेगा। यह शी जिनपिंग का सोची समझी योजना है। वह चाहते हैं कि देश के लोगों में राष्ट्रवाद की भावना को बल मिले। ताकि चीनी सरकार, सेना, पार्टी व देश के अलग-अलग तबके के लोगों पर अपना प्रभाव छोडऩा संभव हो सके।
माओ से राष्ट्रपति की तुलना
जिनपिंग का चीन की राजनीतिक कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चीन की सरकारी मीडिया ने उनकी तुलना माओ से करना शुरू कर दिया है। माओ 1949 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक थे। माओ के बाद कोई भी चीनी नेता अपना कद इतना बड़ा नहीं कर पाया, लेकिन जिनपिंग इसमें सफल रहे हैं।
शानडोंग प्रांत में प्रदर्शित होगा सबमैरिन
पीपल्स लिबरेशन आर्मी न्यूक्लियर सबमैरिन को सार्वजनिक करने निर्णय लेने वाला पहला देश हो गया है। नॉर्थ सी फ्लीट ने जानकारी दी है कि देश के पहले परमाणु क्षमता से संपन्न न्यूिक्लयर सबमैरिन को चीनी नौसेना ने शानडोंग प्रांत तटवर्ती क्षेत्र स्थित क्ंिगदाओ संग्रहालय में मिड अक्टूबर में लगाया है। नौसेना में 40 साल की सेवा देने के बाद इसे नौसेना ने डिकमिशन करने का निर्णय लिया है। इसे बहुत जल्द संग्रहलाय में प्रदर्शित किया जाएगा। संग्रहालय में रखे जाने से पहले न्यूक्लियर सबमैरिन पार्ट के हटाया जा रहा है। ताकि यह बोट पूरी तरह से सुरक्षित रहे।
चीन हर मामले में सक्षम
सरकारी मीडिया ने कहा कि सबमैरिन को डिकमिशनिंग और न्यूक्लियर रिएक्टर हटाने का काम एक साथ किया जाएगा। इससे पता चलता है कि चीन न्यूक्लियर सबमैरिन को विकसित करने, संचालित करने में पूरी तरह से सक्षम है, बल्कि इसे सेवा से हटाने के बाद व्यवस्थित तरीके से हैंडल भी कर सकता है।
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