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पाक सेनेटर्स को डर, सीपीईसी से कहीं चीन का गुलाम ना बन जाएं

Published: Oct 19, 2016 10:23:00 am

Submitted by:

Rakesh Mishra

पाकिस्तान के सांसदों को डर है कि यदि उनके देश के हितों की सुरक्षा नहीं
की गई तो चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) दूसरी ईस्ट इंडिया
कंपनी का रूप ले सकती है

China Pak economic corridor

China Pak economic corridor

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सांसदों को डर है कि यदि उनके देश के हितों की सुरक्षा नहीं की गई तो चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) दूसरी ईस्ट इंडिया कंपनी का रूप ले सकती है।

अपर हाउस में प्लानिंग ऐंड डिवेलपमेंट पर बनी सेनेट स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन ताहिर मशादी ने कहा कियदि राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा नहीं की गई तो निकट भविष्य में हम एक और ईस्ट इंडिया कंपनी देख सकते हैं। हमें पाकिस्तान और चीन की दोस्ती पर नाज है, लेकिन हमें अपने हितों को प्राथमिकता देनी होगी। इस मामले में कमिटी के सदस्यों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सरकार लोगों के अधिकारों और हितों को नजरअंदाज कर रही है।

ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में ट्रेड मिशन पर आई थी, लेकिन बाद में इसी के सहारे ब्रिटेन ने इंडिया को अपना उपनिवेश बना लिया था। ईस्ट इंडिया कंपनी के जरिए ही ब्रिटेन ने संपूर्ण भारत को अपना उपनिवेश बना लिया था। पाकिस्तानी प्लानिंग कमिशन के सेक्रेटरी यूसुफ नदीम ने कहा कि कमिटी के कई सदस्यों ने इस मामले में अपना डर जाहिर किया है। इनका कहना है कि सीपीइसी प्रॉजेक्ट में चीनी निवेश और अन्य तरह के विदेशी निवेश के बजाय स्थानीय वित्तपोषण का उपयोग किया जा रहा है। कमिटी ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि सीपीइसी से जुड़े पावर प्रॉजेक्ट्स के पावर टैरिफ चीनी तय करेंगे।

सेनेटर काकर ने कहा कि यह प्रॉजेक्ट सीपीइसी का पार्ट नहीं है फिर भी चीनी राजदूत सुन वेइदोंग ने हाल ही में दावा किया था कि गदानी पावर प्रॉजेक्ट को खत्म नहीं किया गया है और यह सीपीइसी का हिस्सा है। काकर ने पूछा कि जो प्रॉजेक्ट्स नहीं है उसे लेकर भी क्यों दावा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्वादर में जिस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम चल रहा है उससे चीन और पंजाब सरकार को ही फायदा होना है। इससे स्थानीय समुदायों को लाभ नहीं मिलेगा।
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