ढाका। बांग्लादेश के न्यायाधिकरण ने 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लूट, यातना तथा लोगों की हत्या के आरोप में चार लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। फांसी की इस सजा से बांग्लादेश के उदारवादियों तथा कट्टरपंथियों के बीच पहले से चला आ रहा तनाव और बढऩे की आशंका है। लेखकों, ब्लॉगरों तथा राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या से उदारवादियों तथा कट्टरपंथियों के बीच पहले से ही तनाव चल रहा है। बांग्लादेश के तीन जजों के न्यायाधिकरण ने जिन चार लोगों को फांसी की सजा सुनायी है, उनमें से केवल एक शमसुद्दीन अहमद अदालत में उपस्थित था। शेष अन्य गाजी अब्दुल मन्नान, हफीजउद्दीन तथा शमसुद्दीन अहमद का भाई नसीरूद्दीन की पुलिस तलाश कर रही है। पांचवें व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।