पाकिस्तान में गीता को “बजरंगी भाईजान” का इंतजार
भारत में अपने परिवार के पास लौटने का सालों से इंतजार कर रही है। यह लड़की न बोल सकती है और न ही सुन सकती है
कराची। फिल्म “बजरंगी भाईजान” भले ही एक काल्पनिक कहानी पर आधारित है, लेकिन इस फिल्म की पात्र मुन्नी की तरह ही कराची में एक ऎसी भारतीय लड़की है, जो अपने देश भारत में अपने परिवार के पास लौटने का सालों से इंतजार कर रही है। यह लड़की न बोल सकती है और न ही सुन सकती है। लेकिन इशारों में खुद को भारतीय बता रही है।
13 साल पहले भटक कर सीमा पार पहुंची
एदी फाउंडेशन नामक संगठन के फैसल एदी का कहना है कि संभवत: बचपन में भटककर पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हुई गीता को पंजाब रेंजर्स ने 13 साल पहले हमें सौंपा था। लाहौर स्थित एदी सेंटर में लाया गया था और बाद में कराची स्थित एक आश्रय गृह में भेज दिया गया।
भारत का नक्शा देखते ही रो पड़ी
यहां बिलकिस एदी ने इस लड़की का नाम गीता रखा और अब 23 साल की गीता के बहुत करीब हो गई हैं। अखबार के मुताबिक, यह लड़की एदी फाउंडेशन के कर्मचारियों को सिर्फ इतना अवगत करा पाई है कि उसने मोबाइल फोन पर भारत का नक्शा पहचान लिया और रो पड़ी।
गीता के लिए अलग है पूजा कक्ष
वह पत्रिकाओं से हिन्दी शब्दों की नकल करती है। आश्रय गृह के कर्मचारियों ने उसके लिए अलग एक पूजा कक्ष बनाया है,जिसमें हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें लगी हैं। पूर्व मंत्री अंसार बर्नी ने तीन साल पहले अपने भारत दौरे के समय गीता का मुद्दा उठाया था।
भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने नहीं ली दोबारा खबर
फैसल ने कहा कि पिछले साल भारतीय वाणिज्य दूतावास के कर्मचारी उसके पास आए थे और तस्वीर एवं रेकॉर्ड लिए थे, लेकिन वे वापस नहीं आए। कई पत्रकारों ने भी गीता का साक्षात्कार किया, लेकिन उसके परिवार के बारे में कोई पता नहीं लगा सका। संगठन के कार्यकर्ताओं ने गीता को मनाया कि वह एक हिंदू लड़के से शादी करके नई जिंदगी की शुरूआत करे। उसने अपनी सांकेतिक भाषा में मना कर दिया और स्पष्ट किया कि वह घर लौटने के बाद ही शादी करेगी।
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