नई दिल्ली। विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 2013 में गरीबी की रेखा से नीचे जीवनयापन करने वालें सबसे अधिक संख्या भारत में थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2013 में भारत की 30 प्रतिशत आबादी की औसत दैनिक आय 1.90 डॉलर से भी कम थी इस लिहाज से दुनिया के एक तिहाई गरीब भारत में थे। पॉवर्टी एंड शेयर प्रॉसपेरिटी (गरीबी और साझा समृद्धि) शीर्षक इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि क्षमता से नीचे चल रहे होने के बावजूद पूरी दुनिया में गरीबी घटी है।
1.90 डॉलर से भी कम आय
विश्व बैंक की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सबके बीच ऐसा देश है जहां प्रति दिन 1.90 डॉलर की आय वाली गरीबी की रेखा के अंतरराष्ट्र्रीय मानक से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक है। यह संख्या नाइजीरिया के 8.6 करोड़ गरीबों की संख्या से 2.5 गुणा से भी अधिक है। नाईजरिया में दुनिया में गरीबों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है।
पूरी दुनिया में 80 करोड़ गरीब
वर्ल्ड बैंक की इस रिपोर्ट के अनुसार 2013 में भारत में 30 प्रतिशत लोग गरीबी की रेखा के नीचे रह रहे थे। गणना के हिसाब से उनकी संख्या 22.4 करोड़ थी। साल के दौरान पूरी दुनिया में गरीबों की संख्या करीब 80 करोड़ थी, जो साल 2012 की संख्या से 10 करोड़ कम रही। गरीबी में यह गिरावट मुख्य रूप से एशिया प्रशांत क्षेत्र में हुई प्रगति का परिणाम है। इसमें प्रमुख तौर पर चीन, इंडोनेशिया और भारत का योगदान है। दुनिया में निपट गरीबी में रहने वाले आधे लोग सहारा मरुस्थल के दक्षिण में रहने वाले देशो में थे।
अमरीका की तुलना इतनी कम है आय
इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में प्रतिव्यक्ति आय के हिसाब से सबसे नीचे के 40 देशों में 2011 में औसत प्रति व्यक्ति वार्षिक आय 8861 डॉलर थी। लेकिन ब्राजील में नीचे की 40 प्रतिशत आबादी की औसत आय 1,819 डॉलर थी। भारत में आय का यह आंकड़ा 664 डॉलर का था, जो अमरीका की तुलना में 13वां हिस्सा है। इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में शीर्ष 10 प्रतिशत आबादी की औसत आय ही अमरीका के चीन के 40 प्रतिशत की औसत आय के बराबर थी।
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