कुआलालंपुर। भारत और मलेशिया ने सोमवार को विभिन्न स्तरों पर नियमित बातचीत के जरिए सैन्य आदान-प्रदान बढ़ाने पर सहमति जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक के बीच बातचीत के बाद मलेशिया-भारत सामरिक साझेदारी बढ़ाने पर जारी एक संयुक्त बयान में यह घोषणा की गई है। सिंगापुर रवाना होने से पहले सोमवार को मोदी की मलेशिया यात्रा समाप्त हुई।
बयान के मुताबिक, रक्षा संबंधी आदान-प्रदान रक्षा मंत्रियों, वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों, सशस्त्र सेनाओं के प्रमुखों और सैन्यकर्मियों से सैन्यकर्मियों के बीच वार्ताओं के माध्यम से किया जाएगा। दोनों देशों ने रक्षा सचिव और महासचिव स्तर पर भी अगला भारत-मलेशिया रक्षा सहयोग बैठक आयोजित करने पर सहमति जताई।
दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में आपसी हित की परियोजनाओं पर संयुक्तसमन्वय बढ़ाने का भी फैसला किया। बयान के मुताबिक दोनों देशों ने मलेशिया में भारतीय पायलटों द्वारा एसयू 30 एमकेएम प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संपन्न कराने में भारतीय मदद को और आगे बढ़ाते हुए दोनों पक्ष प्रशिक्षण, रखरखाव, तकनीकी सहायता और सुरक्षा संबंधित मुद्दों पर सहयोग के लिए एसयू-30 मंच गठित करने पर सहमत हुए हैं।
बयान के मुताबिक, दोनों देश भारतीय तटरक्षक और मलेशियाई समुद्री प्रवर्तन एजेंसी के प्रमुखों के बीच वार्षिक वार्ताएं करेंगे।दोनों देशों ने हर रूप में आतंकवाद की कड़ी निंदा की है। दोनों देशों ने सभी राज्यों को आतंकवाद को अस्वीकार करने और आतंकवाद के दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने की जरूरत पर बल दिया और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दोनों देशों के बीच जारी सहयोग का स्वागत किया। साथ ही इस दिशा में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
दोनों देशों ने आतंकवाद के साथ ही अन्य पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों से उपजी चुनौतियों से निपटने के लिए जानकारी और सर्वश्रेष्ठ उपायों का आदान-प्रदान जारी रखने पर भी सहमति जताई। दोनों देश सजायाफ्ता कैदियों को एक-दूसरे के कारागारों में हस्तांतरण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए वार्ता आगे बढ़ाने पर भी सहमत हुए।
दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में सहयोग बढ़ाने पर भी अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। बयान के मुताबिक दोनों देशों ने खासतौर से अवसंरचना और निर्माण क्षेत्र में संयुक्त सहयोग को बढ़ावा देने और मलेशियाई उद्यमों को निवेश का अवसर देती भारत की ‘मेक इन इंडिया, ‘डिजिटल इंडिया जैसी नई विकासशील और व्यापारिक पहलों के अनुरूप दोनों देशों के निजी क्षेत्रों के बीच संयुक्त परियोजनाओं और सहभागिता को बढ़ाने पर भी सहमति जताई है। भारत और मलेशिया ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर भी अधिक सहयोग पर सहमति जताई।
बयान के मुताबिक आयुर्वेद और अन्य भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में दोनों देशों के बीच और ज्यादा सहयोग की जरूरत को देखते हुए मलेशिया ने भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के तहत भारत से एक आयुर्वेदिक चिकित्सक और दो थेरेपिस्टों की प्रतिनियुक्ति का स्वागत किया।
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