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चीन से डोकलाम मुद्दा डिप्लोमेटिक स्तर पर हल किया जाएगा: भारत

Published: Jul 13, 2017 08:54:00 pm

Submitted by:

Prashant Jha

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संपर्क मौजूद हैं, जिनका आगे भी इस्तेमाल किया जाएगा।

नई दिल्ली: चीन द्वारा आपत्ति जाने के बावजूद भारत ने गुरुवार को फिर से कहा है कि बीजिंग के साथ विवाद के मुद्दों को पहले जैसे ही डिप्लोमैटिक लेवल से हल किया जाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संपर्क मौजूद हैं, जिनका आगे भी इस्तेमाल किया जाएगा।

दोनों नेताओं की कई मुद्दों पर बातचीत
उन्होंने हाल ही में जर्मनी के हैंबर्ग में हुए जी-20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ‘बातचीत’ का संदर्भ देते हुए कहा कि ‘दोनों नेताओं ने पिछले सप्ताह अनेक मुद्दों पर बातचीत की।’ बागले ने कहा, “जहां तक डोकलाम मुद्दे की बात है, आप जानते ही हैं हमारे कूटनीतिक संपर्क हैं। दोनों देशों में दूतावासों में दोनों देशों के प्रतिनिधि हैं और इस संपर्क का आगे भी इस्तेमाल किया जाएगा।”


डोकलाम में तनाव की स्थिति
भारत और चीन के बीच भूटान से लगी दोनों देशों की सीमाओं को लेकर डोकलाम में पिछले तीन सप्ताह से तनाव जैसी स्थिति बनी हुई है। यह विवाद चीन द्वारा डोकलम में सड़क के निर्माण को लेकर शुरू हुई। भारत जहां इस इलाके को डोकलम कहता है, वहीं चीन इसे डोंगलोंग कहता रहा है।

सरकार ने अपना पक्ष रखा
चीन और चीनी मीडिया में ताजा सीमा विवाद को लेकर इस्तेमाल की गई भड़काऊ भाषा को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बागले ने कहा, “सरकार ने अपना पक्ष बेहद स्पष्टता के साथ रखा है और मुद्दे के समाधान के लिए संपर्क साधे हैं। बागले ने कहा, “हमने दोनों देशों द्वारा पिछले कई वर्षो से इस तरह के मुद्दों, सीमा विवाद और तिहरी सीमारेखा को लेकर अपनाए गए उपायों का संदर्भ दिया है। हमने दोनों देशों के बीच आपसी समझदारी का भी जिक्र किया है।”

समाधान निकाला जा सकता है-जयशंकर
बागले ने विदेश सचिव एस. जयशंकर द्वारा हाल ही में दिए गए बयान का भी जिक्र किया। जयशंकर ने पिछले सप्ताह सिंगापुर में कहा था कि भारत और चीन इससे पहले भी आपसी सीमा विवाद सुलझाते रहे हैं और ऐसा कोई कारण नहीं है कि इस बार भी वे इसका समाधान नहीं निकाल लेंगे।

चीनी विदेश मंत्रालय ने दिया था जवाब
हालांकि, एक दिन पहले ही बुधवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने जयशंकर की टिप्पणी को यह कहकर खारिज कर दिया कि ‘डोकलम में भारतीय सैनिकों द्वारा की गई घुसपैठ इससे पहले भारत और चीन के बीच अस्पष्ट सीमा को लेकर उपजे विवाद से अलग है।’बागले से जब पूछा गया कि क्या मोदी और शी के बीच डोकलम मुद्दे को लेकर खासतौर पर बात हुई है, तो उन्होंने सवाल का सीधा जवाब देने से इनकार करते हुए कहा, “मैं इसे आपकी कल्पना और सहज बुद्धि पर छोड़ता हूं कि दोनों नेताओं के बीच किन-किन मुद्दों पर बात हुई होगी।”

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