साल 1979 में एक प्लेन हाईजैक के मामले में शामिल होने के कारण उन्हें तीन साल तक भारतीय जेल में भी रहना पड़ा था
काठमांडू। अपनी सादगी के लिए मशहूर नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री एवं नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष सुशील कोइराला अविवाहित थे। वह हॉलीवुड फिल्मों में हीरो बनना चाहते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। वह नेपाल के प्रधानमंत्री बन गए। वह सादगी के बादशाह थे। उनका अपना कोई घर नहीं था। साल 1979 में एक प्लेन हाईजैक के मामले में शामिल होने के कारण उन्हें तीन साल तक भारतीय जेल में भी रहना पड़ा था।
फरवरी 2014 में उन्हें प्रधानमंत्री चुना गया था। नौ फरवरी 2016 को 77 साल की उम्र में निमोनिया की वजह से निधन हो गया। सुशील कोइराला का जन्म 12 अगस्त 1939 को भारत के बनारस में हुआ था। नेपाल में 1960 में राजा महेंद्र के शासनकाल में सुशील कोइराला को भारत निर्वासित कर दिया गया। वो 20 सालों तक भारत में रहे और अपनी पार्टी के प्रकाशन ‘तरुण’ का संपादन किए।
फोटो- कोइराला का पार्थिव शरीर लोागों के दर्शन के लिए रखा गया।
ऐसे हुई थी प्लेन हाइजैकिंग
अपने मौसेरे भाई और नेपाल के पूर्व पीएम गिरिजा प्रसाद के साथ मिलकर उन्होंने 1973 में रॉयल नेपाल एयरलाइंस का प्लेन हाइजैक कर लिया। यह नेपाल में हाइजैकिंग का पहला मामला था। हाइजैक का मकसद नेपाल में मल्टी पार्टी डेमोक्रेसी के लिए फंड इकट्ठा करना था। इस पैसे से वह आम्र्ड रिवॉल्यूशन शुरू करना चाहते थे। नेपाली कांग्रेस के तीन मेंबर्स ने 19 सीटर ट्विन ओटर एयरक्राफ्ट पैंसेजर प्लेन नेपाल के बिराटनगर से हाइजैक कर लिया। इसे बिहार के फोब्र्सगंज में लैंड कराया। 30 लाख की फिरौती मिलने के बाद ही प्लेन छोड़ा गया। बाद में भारत ने कार्रवाई कर सभी हाइजैकर्स को अरेस्ट कर जेल में डाल दिया। इसमें कोइराला भी शामिल थे। 1975 में इमरजेंसी खत्म होने के बाद सभी हाइजैकर्स को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
फोटो- मंगलवार को काठमांडू में उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई।
सीधे प्रधानमंत्री ही बने थे कोइराला
कोइराला को कैंसर की बीमारी थी। इस वजह से वो अच्छा भाषण नहीं दे सकते थे और खुद नेतृत्व करने की जगह ङ्क्षकगमेकर की भूमिका निभाना पसंद करते थे। वे कई बार नेपाली सांसद बने, लेकिन हर बार उन्होंने मंत्री बनने से इनकार कर दिया। उन्हें सरकार चलाने का अनुभव नहीं था, लेकिन गिरिजा प्रसाद कोइराला जब प्रधानमंत्री थे उस वक्त लगभग सारे फैसले सुशील कोइराला ही लेते थे। नेपाली मीडिया के अनुसार सुशील कोइराला प्रधानमंत्री बनने के पहले कभी भी किसी पद पर नहीं रहे क्योंकि वह विदेशी ताकतों को अपने पक्ष में करने का काम नहीं करते थे।
न पैसे थे न बैंक अकाउंट
नेपाल के इस पूर्व प्रधानमंत्री का अपना कोई घर तक नहीं था, नेपाली राजनीति में यह किसी अचरज से कम नहीं है। सुशील कोइराला काठमांडू में अपने रिश्तेदारों के घर ही रहते रहे। गिरिजा प्रसाद कोइराला की 2010 की मौत के बाद सुशील किराए के मकान में रहने चले गए थे। किराया उनकी पार्टी नेपाली कांग्रेस चुकाती थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद कोइराला के एक निकट सहयोगी ने मीडिया को बताया था कि उनके पास कोई चल या अचल संपत्ति नहीं है। वह 75 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री बनने तक उनका कोई बैंक खाता भी नहीं था। प्रधानमंत्री बनने से पहले वह शुभ ङ्क्षचतकों द्वारा दिए गए वाहन में घूमते थे। उनके छह भाइयों के पास पैतृक जमीन है। मगर कोइराला ने कभी अपना हिस्सा नहीं मांगा।
फोटो- पीएम मोदी के साथ नेपाल के पूवज़् पीएम सुशील कोइराला।
तीन मोबाइल फोन के सिवा कुछ नहीं था कोइराला के पास
उनके प्रेस सलाहकार प्रकाश अधिकारी ने उनके प्रधानमंत्री बनने पर कहा था कि कोइराला को कभी वेतन नहीं मिला। जब प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी ने उनसे पूूछा था कि वह और कोई सम्पत्ति का उल्लेख करना चाहेंगे तो उन्होंने कहा था कि नहीं मेरे पास इन तीन मोबाइल फोन के सिवा कुछ नहीं है। प्रधानमंत्री बनने के बाद वह म्यामांर में बिमेस्टेक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए सबसे छोटे प्रतिनिधि मंडल के साथ गए थे। वह एक साधारण कलाई घड़ी और एक अंगूठी पहनते थे।