पाक सुप्रीम कोर्ट भी कर रहा जजों की नियुक्ति प्रक्रिया का परीक्षण
Published: Jul 01, 2015 12:21:00 pm
भारत और
पाक, दोनों के ही SC अपने-अपने देशों में उच्च न्यायपालिकाओं में
जजों की नियुक्ति को लेकर संवैधानिक संशोधनों की वैधता का परीक्षण कर रहे हैं
नई दिल्ली। इसे संयोग ही कहा जाएगा कि भारत का सुप्रीम कोर्ट और पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट दोनों ही अपने-अपने देशों में उच्च न्यायपालिकाओं में जजों की नियुक्ति को लेकर संवैधानिक संशोधनों की वैधता का परीक्षण कर रहे हैं।
ये संविधान संशोधन हायर जुडीशियरी में नियुक्तियों को लेकर नई प्रक्रिया अपनाने के लिए किए गए थे। भारत की संसद ने यदि पिछले साल राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग का गठन किया है तो पाकिस्तान की संसद ने भी वर्ष 2010 में 18वें संवैधानिक संशोधन के जरिए न्यायिक आयोग का गठन किया था।
भारत में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस जे एस खेहर के नेतृत्व वाली पांच जजों की पीठ जहां न्यायिक स्वतन्त्रता की कसौटी पर संवैधानिक संशोधन की वैधता के मुद्दे पर सुनवाई कर रही है, तो वहीं पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की फुल कोर्ट (17 जजों की पीठ) मुख्य न्यायाधीश नसीरूल मुल्क के नेतृत्व में न्यायिक आजादी और संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ 18वें संशोधन की वैधता का परीक्षण कर रही है।
भारत के राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग में जहां मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठतम न्यायाधीश, कानून मंत्री और एक समिति, जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश और विपक्ष के नेता शामिल हैं, द्वारा सुझाए गए दो प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हैं वहीं पाकिस्तान के न्यायिक आयोग में पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अथवा न्यायाधीश, अटार्नी जनरल, बार काउंसिल द्वारा नामांकित सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील शामिल हैं।