प्रभावशाली राजनीतिक दल मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के नेता अल्ताफ हुसैन को पाकिस्तान विरोधी टिप्पणी करना भारी पड़ा
कराची। प्रभावशाली राजनीतिक दल मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के नेता अल्ताफ हुसैन को पाकिस्तान विरोधी टिप्पणी करना भारी पड़ गया है। सरकार ने एमक्यूएम के 19 दफ्तरों को ढहा दिया है। वहीं 219 कार्यालयों को सील कर दिया है।
सिंध सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों का कहना है कि कराची के अलग-अलग इलाकों में स्थित एमक्यूएम के दफ्तर जिन भूखंडों पर बने थे, वे स्कूल, खेल के मैदानों और पुस्तकालयों के लिए आवंटित किए गए थे। ऐसे में इन दफ्तरों को ढहा दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राव अनवर ने कहा कि सरकारी जमीनों पर कब्जा करके एमक्यूएम ने इन भवनों का निर्माण कराया था।
बता दें कि पाक सरकार उत्तेजक भाषण के चलते अल्ताफ हुसैन पर देशद्रोह का मुकदमा चला रही है। अल्ताफ हुसैन फिफहाल लंदन में निर्वासन में रह रहे हैं। पाक पैरामिलिट्री फोर्स ने एमक्यूएम के 30 बड़े नेताओं को हिरासत में लेकर पार्टी दफ्तरों को तोडऩे का कार्रवाई शुरू की। कराची में मुक्का चौक पर अल्ताफ हुसैन की होर्डिंग और पोस्टर को भी फाड़ दिया।
पाक की आलोचना की थी
एमक्यूएम नेता ने इस साल सेना और दूसरी सुरक्षा संस्थाओं की कई बार आलोचना की। उन्होंने जुलाई महीने में नाटो और संयुक्त राष्ट्र से कहा था कि वे कराची में सेना भेजें। पाकिस्तान के अलग-अलग शहरों में एमक्यूएम प्रमुख के खिलाफ राष्ट्रद्रोह, हिंसा भड़काने और शासन तथा सशस्त्र सेनाओं के खिलाफ तकरीर करने के आरोपों में दर्जनों मामले दर्ज हैं। अल्ताफ हुसैन ने जुलाई में कानून को लागू करने वाली एजेंसियों के विरूद्ध कंट्रोवर्सल स्पीच दी थी। नाटो और यूएन से सेना कराची भेजने की अपील की थी। अल्ताफ हुसैन की इस स्पीच का पूरे पाकिस्तान में विरोध किया गया था।