विदेश विभाग ने बताया कि पाकिस्तान और चीन के बीच पेइचिंग में सातवें राउंड का रणनीतिक संवाद होने जा रहा है
इस्लामाबाद। अपने पड़ोसियों और दुनिया के ताकतवर देशों से बेदखल होने के बाद पाकिस्तान चीन से अपनी दोस्ती को मजबूती प्रदान करने के लिए एक बैठक करने जा रहा है। माना जा रहा है कि पड़ोसी मुल्क भारत, अफगानिस्तान और अमरीका के साथ बिगड़ते माहौल के बीच चीन के साथ बैठक करना पाकिस्तान का रणनीतिक कदम है। वह अमरीका को बताना चाहता है कि वह अकेला नहीं है।
पाकिस्तान के विदेश विभाग ने बुधवार को इस बावत जानकारी दी। विदेश विभाग ने बताया कि पाकिस्तान और चीन के बीच पेइचिंग में सातवें राउंड का रणनीतिक संवाद होने जा रहा है। पाकिस्तानी डेलिगेशन का नेतृत्व विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी करेंगे। दूसरी तरफ चीन की तरफ से इस बैठक का नेतृत्व फॉरन अफेयर्स फोर एशियन ऐंड काउंसलर अफेयर्स में असिस्टेंट मिनिस्टर कोंग शुआनयु कर रहे हैं।
दोनों पक्षों के बीच पाकिस्तान और चीन के बीच अब तक के रणनीतिक संबंधों पर व्यापक चर्चा होगी। इसमें चीनी-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर, आर्थिक सहयोग, सुरक्षा, आतंकवाद, शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन, संस्कृति-शिक्षा और नागरिकों के आपसी संबंधों पर बात होगी। दोनों पक्षों में इस बात पर सहमति है कि रणनीतिक सहयोग को और मजबूत बनाने की जरूरत है।
विदेशी मामलों में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के स्पेशल असिस्टेंट सैयद तारिक फातेमी ने 23 से 27 अगस्त के बीच बेलारूस और कजाकस्तान की यात्रा पर रहेंगे। वह नवाज शरीफ के स्पेशल दूत के तौर पर इन देशों की यात्रा पर जा रहे हैं। इनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान को न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में शामिल कराना है। सैयद बेलारूस और कजाकस्तान के राष्ट्रप्रमुखों को नवाज शरीफ का पत्र सौंपेंगे।
पाकिस्तान का कहना है कि चीन के साथ उसके संबंधों में रोड़ा अटकाने के लिए इंडिया, अमरीका और अफगानिस्तान की तरफ से कोशिश की गई है। पाक फॉरन ऑफिस का कहना है कि दोनों देश इंडिया, अफगानिस्तान और साउथ चाइना सी को लेकर भी बात करेंगे। साउथ चाइना सी को लेकर चीन इंटरनैशनल कोर्ट के फैसले से खफा है। इस मामले में वह अपने पक्ष में समर्थन जुटाने में लगा है।