जेहरी ने खुद बलूचिस्तान छोड़कर चले गए बलूच नेताओं को पाक लौटने का निमंत्रण दिया है। जेहरी ने कहा,राष्ट्रीय राजनीति में शामिल होना या फिर राष्ट्रवादी आधार पर राजनीति करना,ये फैसला उनके हाथों में होगा। अगर बलूचिस्तान के लोग आपको चुनते हैं तो हम इस फैसले का सम्मान करेंगे। जेहरी ने यह भी कहा कि सरकार के लिए ऐसे नेताओं की मांगों और विचारधारा को बंदूक के जोर पर स्वीकार करा पाना मुमकिन नहीं होगा।
हम किसी भी व्यक्ति को बल का प्रयोग कर अपनी विचारधारा थोपने की इजाजत नहीं देंगे। हम पिछले 500 साल से बलूचिस्तान के रक्षक हैं। बलूचिस्तान अपनी मर्जी से पाकिस्तान में शामिल हुआ था। सोमवार को भारत के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर काल किले की प्रचारी से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बलूचिस्तान का जिक्र किया। मोदी ने बलूचिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में मानवाधिकार के गंभीर उल्लंघनों पर भी बात की। उन्होंने कहा,दुनिया देख रही है।
बलूचिस्तान,गिलगित और पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों ने पिछले कुछ दिनों में मेरा बहुत धन्यवाद किया है। मैं उनका बहुत आभारी हूं। जिस तरह इन पाकिस्तानी इलाके के लोगों ने मुझे बधाई दी और धन्यवाद दिया,उससे मुझे बहुत खुशी हुई है। मैं उन सभी का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।