पूर्व क्रिकेटर और तहरीक ए इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान एक बार फिर दो वर्ष पूर्व की भांति इस्लामाबाद बंद करने को लेकर अडिग हैं। उनकी मांग है कि भ्रष्टाचार में लिप्त पीएम नवाज शरीफ इस्तीफा दें।
इस्लामाबाद. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पुलिस ने गुरुवार देर रात तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के कार्यालय पर छापा मारा और युवा रैली में शामिल 40 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी पनामा पेपर लीक मामले में पीएम नवाज शरीफ के इस्तीफे को लेकर प्रस्तावित इस्लामाबाद बंद की योजना को देखते हुए पुलिस ने की है।
पार्टी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पीटा
इस्लामाबाद जिला पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के मुखिया इमरान खान ने कुछ दिनों पहले कार्यकर्ताओं से दो नवंबर को इस्लामाबाद पूरी तरह से बंद करने का आह्वान किया था। गुरुवार देर रात इस योजना के तहत पार्टी कार्यालय पर बिना पुलिस परमीशन के युवा सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस दौरान पुलिस ने छापेमारी कर कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की। प्रत्यदर्शियों का कहना है कि पुलिस ने उस वक्त कार्यकर्ताओं को पकड़ा जब पार्टी के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी सम्मेलन को संबोधित करने वाले थे। कुरैशी ने कहा कि सैकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। कई महिला कार्यकर्ताओं को पुलिस ने प्रताडि़त किया। साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं को बुरी तरह से तरह से पीटा गया।
इस्लामाबाद में सभा और सम्मलेनों पर प्रतिबंध
इससे करीब एक घंटा पहले डीसी मुश्ताक अहमद ने इस्लामाबाद में धारा 144 लगा दी थी। डीसी की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार एक स्थान पर पांच से अधिक लोग एकत्र नहीं हो सकते। अधिसूचना में ये भी कहा गया है कि किसी भी तरह की सभा व सम्मलेनों के लिए प्रशासन से परमिशन लेना जरूरी है। प्रशासन ने यह अधिसूचना उस वक्त जारी कि है जब तहरीक-ए-इंसाफ ने आगामी दो नवंबर को धरना करने की योजना बनाई है। इमरान की पार्टी पनामा पेपर्स के संदर्भ में नवाज शरीफ और उनके परिवार पर धनशोधन का आरोप लगाकर प्रदर्शन कर रही है और पार्टी की मांग है कि पीएम नवाज शरीफ अपने पद से इस्तीफा दें।
अदालत का बंद को रोकने का आदेश
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को तहरीक-ए-इंसाफ को संघीय राजधानी को बंद करने से रोकने के लिए आदेश जारी किए हैं। न्यायमूर्ति शौकत अजीज शिद्दीकी ने तहरीक-ए-इंसाफ के प्रस्तावित धरने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया।
हमें रोकने की किसी में ताकत नहीं – इमरान
बंद और प्रदर्शन को लेकर अडिग इमरान खान ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना मेरा कानूनी औ संवैधानिक अधिकार है। हम दो नवंबर को पाकिस्तान का भाग्य बदल देंगे। हमें रोकने की ताकत किसी में नहीं है। इस बंद में उनकी पार्टी को अवामी लीग का समर्थन भी प्राप्त है।
पनामा पेपर मामले में बुरी तरह फंसे शरीफ
पनामा पेपर्स खान ने वर्ष 2014 में भी एक सप्ताह तक इस्लामाबाद बंद का आयोजन किया था। उस समय इस्लामाबाद में कानून व्यवस्था चरमरा गई थी। उस समय उन्होंने पीएम नवाज शरीफ द्वारा गलत तरीके से चुनाव जीतने का विरोध किया था। इस बार उन्होंने इस्लामाबाद के प्रदर्शन में 10 लाख समर्थकों के पहुंचन की उम्मीद जताई है। शरीफ सरकार के समक्ष इस बार यह चुनौती पनामा पेपर्स लीक होने की वजह से उठ खड़ी हुई है। पनामा बेस्ड मौसैक फोनसेका लॉ फर्म पेपर से खुलासा हुआ है कि शरीफ की बेटी और दो बेटों का ऑफशोर होल्डिंग कंपनी है, जो ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड में रजिस्टर्ड है। जबकि ऑफशोर कंपनी पाकिस्तान में गैर कानूनी माना जाता है। इसके बाद ही इमरान खान ने आरोप लगाया था कि यह पैसा भ्रष्टाचार के जरिये शरीफ ने हासिल किया। हालांकि शरीफ के परिवार ने इस बात का खंडन किया है।