इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी और अन्य लोगों की मौत पर गंभीर चिंता प्रकट करने के लिए सोमवार को भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया और मौलिक अधिकारों के खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की।
एक बयान के अनुसार पाक विदेश सचिव ने भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावाले को तलब किया और कश्मीर में भारतीय सेना और अद्र्धसैनिक बलों द्वारा कश्मीरी नेता बुरहान वानी और कई अन्य लोगों के मारे जाने पर पाकिस्तान की गंभीर चिंता प्रकट की।
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुरहान वानी के मारे जाने पर दुख व्यक्त करते हुए बयान जारी किया था। कश्मीर में प्रदर्शनकारियों के मारे जाने पर शरीफ के चुप रहने पर विपक्ष उन पर लगातार हमले कर रहा था। शरीफ के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों द्वारा कश्मीरी नेता बुरहान वानी तथा अन्य कई लोगों को मार दिए जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर भारत ने दो टूक जवाब दिया है। भारत ने कहा कि इससे आतंकवाद से उसके लगातार जुड़ाव तथा इसे उसके द्वारा राज्य की नीति के औजार के रूप इस्तेमाल किए जाने का पता चलता है। भारत ने पाकिस्तान से यह भी कहा कि वह अपने पड़ोसियों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से परहेज करे।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि हमने भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर में स्थिति पर पाकिस्तान की तरफ से आए बयान देखे हैं। इनसे आतंकवाद से पाकिस्तान के लगातार जुड़ाव तथा उसके द्वारा इसे राज्य की नीति के औजार के रूप में इस्तेमाल किए जाने का पता चलता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को सलाह दी जाती है कि वह अपने पड़ोसियों के आतंरिक मामलों में दखल देने से परहेज करे।
पाक ने कहा कि न्यायेतर हत्याओं के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे बेगुनाह नागरिकों पर अत्यधिक बल प्रयोग निंदनीय है और जीवन के अधिकार, अभिव्यक्ति और विचारों की आजादी के अधिकार, शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार, शांतिपूर्ण तरीके से एकत्रित होने के अधिकार और अन्य मौलिक अधिकारों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन है।
बयान के अनुसार पाक विदेश सचिव ने भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की भी निंदा की। इसमें कहा गया कि उन्होंने कहा कि इस तरह बल का अंधाधुंध इस्तेमाल किसी भी हाल में मंजूर नहीं है। विदेश सचिव ने इन मौतों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की बात कही। बयान के मुताबिक इस बात पर जोर दिया गया कि दमनकारी कदम जम्मू कश्मीर के बहादुर लोगों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुरूप आत्मनिर्णय के उनके अधिकार का इस्तेमाल करने की मांग से विमुख नहीं कर सकते।
बयान के अनुसार विदेश सचिव ने जम्मू कश्मीर के मसले को हल करने के लिए भारत सरकार से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत मानवाधिकार संबंधी वचनबद्धताओं और प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की पाकिस्तान की मांग को दोहराया।
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