इस्लामाबाद. पनामागेट मामले की जांच कर रही जेआईटी की रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल आने की संभावना है। रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज को जांच आयोग ने फर्जी दस्तावेज देने का दोषी पाया है, जो एक आपराधिक कृत्य है। जेआइटी को सौंपे जाली दस्तावेज में मरयम ने माइक्रोसॉफ्ट वर्ड के जिस फॉन्ट का इस्तेमाल किया था, उससे उनकी भ्रष्टाचार की पोल खुल गई। जेआइटी ने अपनी रिपोर्ट के पेज सं या 55 पर बताया कि मरयम के दस्तावेजों में कैलिबरी फॉन्ट का इस्तेमाल किया गया। यह फॉन्ट 31 जनवरी, 2007 के पहले तक आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं था। जबकि ये दस्तावेज 2006 के हैं। जेआईटी (संयुक्त जांच दल) की इस रिपोर्ट के बाद मरियम नवाज के राजनीति में आने पर ग्रहण लग गया है।
आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी दोषी
इसके साथ ही मरियम को आय से अधिक संपत्ति के मामले का भी दोषी पाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मरियम को 2009-2016 के बीच 7.35 करोड़ से लेकर 83.07 करोड़ के गि ट मिले। कोई आय का स्रोत नहीं होने के बावजूद मरियम की संपत्ति में 1990 के बाद से जबरदस्त इजाफा हुआ।
भ्रष्टाचार का केस दर्ज करने की सिफारिश
जेआईटी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश अपनी रिपोर्ट में शरीफ और उनके बेटों हसन नवाज और हुसैन नवाज के साथ ही बेटी मरियम नवाज के खिलाफ राष्ट्रीय दायित्व ब्यूरो (एनएबी) अध्यादेश 1999 के तहत भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की सिफारिश की है।
जेआईटी की रिपोर्ट मंजूर नहीं : मरियम
शरीफ की बेटी मरियम ने एक ट्वीट में जेआईटी की सिफारिशों को खारिज कर दिया। उन्होंने कह कि जेआईटी रिपोर्ट मंजूर नहीं है। मरियम ने कहा कि हर विरोधाभास पर सिर्फ बहस नहीं जाएगी, बल्कि इसे सुप्रीम कोर्ट में खत्म किया जाएगा। सरकारी खजाने के एक भी पैसे का गलत इस्तेमाल नहीं हुआ।
परिजनों से हो चुकी है पूछताछ
नवाज शरीफ और उनकी फैमिली पर आरोप हैं कि उन्होंने दूसरे देशों में कई कंपनियां बनाईं। इन कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई। ये विवाद पिछले साल शुरू हुआ था। विपक्षी दलों के दबाव के बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
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