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एशिया

काबुल में दोहरे आत्मघाती हमले में 80 मरे, 230 से अधिक घायल

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद इस्माइल कावूसी ने मारे जाने वाले लोगों की संख्या बढऩे की आशंका जताई है

Jul 24, 2016 / 12:06 am

जमील खान

Blast in Kabul

Blast in Kabul

काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अल्पसंख्यक हजारा समुदाय के लोगों के प्रदर्शन के दौरान शनिवार को हुए दो आत्मघाती हमलों में कम से कम 80 लोग मारे गए और 230 से अधिक लोग घायल हुए। हजारा समुदाय को निशाना बनाकर पहले भी हमले को अंजाम देने वाले आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।

आईएस की न्यूज एजेंसी अमाक के अनुसार दो आतंककारियों ने काबुल में शियाओं के एक समूह पर हमला किया। आईएस के कट्टर प्रतिरोधी तालिबान ने हमले में संलिप्तता से इनकार करते हुए अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया है कि यह हमला गृह युद्ध शुरू कराने के लिए किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद इस्माइल कावूसी ने मारे जाने वाले लोगों की संख्या बढऩे की आशंका जताई है। गृह मंत्रालय ने भी मृतकों एवं घायलों की संख्या की पुष्टि की है।
Bombing in Afghanistan
एजेंसी के अनुसार, हजारा समुदाय के लोग बामियान प्रांत से 500 किलोवाट की टीयूटीएपी परियोजना को ले जाने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे थे। हजारा समुदाय के लोग बामियान में बहुलता में रहते हैं और यह प्रांत बिजली के घोर संकट से जूझ रहा है। टीयूटीएपी परियोजना तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान जैसे मध्य एशिया के ऊर्जा संपन्न देशों को अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे बिजली की कमी के भीषण संकट से जूझ रहे देशों से जोड़ती है। इस परियोजना के तहत पारेषण लाइन को पहले बामियान से ही गुजरना था, लेकिन सरकार ने बाद में इसे काबुल के उत्तर में स्थित सलांग दर्रे से ले जाने का निर्णय लिया।

एशिया विकास बैंक द्वारा सहायता प्राप्त टीयूटीएपी परियोजना के जरिये 10 प्रांतों को बिजली उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। इस बीच अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने वॉशिंगटन में जारी वक्तव्य में हमले की कड़ी निंदा करते हुए गनी को जांच में सहयोग करने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि खून बहाने के जिम्मेदार हत्यारे अफ
गानिस्तान का भविष्य नहीं हैं और यह कभी जीत नहीं पाएउंगे। इस तरह के हमले अफगानिस्तान में अमरीकी के अभियान को जारी रखने और अफगान सरकार तथा अफगानी जनता को मदद देने की हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत ही करते हैं।
Bombing in Afghanistan


प्रणव और सोनिया ने अफगानिस्तान में हुए हमले की निंदा की

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। राष्ट्रपति ने कहा, काबुल के देह मजांग चौराहे पर हुए विस्फोट के बारे में जानकर मुझे गहरा धक्का लगा है। मैं इस हमले को अंजाम देने वालों की कड़ी निंदा करता हूं। मुखर्जी ने कहा है, मैं विस्फोट में मारे गये लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारत सरकार अफगानिस्तान की सरकार और वहां के लोगों की हरसंभव सहायता करने को तैयार है। सोनिया ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा, आतंककारियों ने पिछले एक महीने में दुनिया के कई शहरों में आतंकी हमले किए हैं और ऐसे में आतंकवाद का सामना करने के लिए हम सभी को एकजुट रहना होगा।

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