पिछले दिनों अफगान तालिबान ने मुल्ला उमर की जीवनी छापी थी और दावा किया गया था कि उमर कहां है यह किसी को नहीं पता लेकिन वह फिर भी हर खबर पर नजर रखता है। इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के उदय के बाद कई तालिबानी लीडर उसके साथ चले गए। बावजूद इसके अफगानिस्तान में मुल्ला उमर का काफी प्रभाव है। साथ ही यह भी सच है कि वह जिंदा है या फिर मर गया इसका भी कोई सबूत नहीं।
कौन है मुल्ला उमर
90 के दशक में अफगानिस्तान में तालिबान का राज स्थापित हुआ। अफगानिस्तान से सोवियत संघ को बाहर करने में तालिबान की भूमिका में उमर बड़ा नेता था। बाद में उसकी ओसामा बिन लादेन से उसकी मुलाकात हुई और धीरे-धीरे दोनों काफी करीब आ गए।1996 में अल कायदा और कई अन्य छोटे-मोटे आतंकी संगठनों ने उसे अपना नेता मान लिया।
लश्कर ए झांगवी का प्रमुख मलिक इशाक मारा गया
पाकिस्तान में पंजाब के मुजफ्फरगढ़ में प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन लश्कर ए झांगवी के प्रमुख मलिक इशाक तथा उनके दो बेटे उस्मान और हक नवाज पुलिस की कार्रवाई में मारे गए है। अमेरिका की वैश्विक आतंकवादियों की सूची में मलिक इशाक का नाम भी शामिल है। दो उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इशाक और उसके दो बेटों को दूसरी जेल में भेजा जा रहा था तभी हथियारबंद लोगों के समूह ने पुलिस काफिले पर हमला कर उन्हें छुड़ा लिया। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोलीबारी कर इशाक और उसके दोनों बेटों को मार गिराया। लश्कर ए झांगवी पाकिस्तान में सुन्नी आतंकवादी संगठन के रूप में जाना जाता है और 1990 के दशक में इसने शिया समुदाय के सैकड़ों लोगों की हत्या की थी। पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ के शासनकाल में इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
पाकिस्तान में पंजाब के मुजफ्फरगढ़ में प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन लश्कर ए झांगवी के प्रमुख मलिक इशाक तथा उनके दो बेटे उस्मान और हक नवाज पुलिस की कार्रवाई में मारे गए है। अमेरिका की वैश्विक आतंकवादियों की सूची में मलिक इशाक का नाम भी शामिल है। दो उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इशाक और उसके दो बेटों को दूसरी जेल में भेजा जा रहा था तभी हथियारबंद लोगों के समूह ने पुलिस काफिले पर हमला कर उन्हें छुड़ा लिया। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोलीबारी कर इशाक और उसके दोनों बेटों को मार गिराया। लश्कर ए झांगवी पाकिस्तान में सुन्नी आतंकवादी संगठन के रूप में जाना जाता है और 1990 के दशक में इसने शिया समुदाय के सैकड़ों लोगों की हत्या की थी। पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ के शासनकाल में इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।