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आज गुरुवार को इन कार्यों को करने से होगा फायदा, बनें हैं ये शुभ योग

Published: Jul 27, 2017 09:27:00 am

चतुर्थी रिक्ता संज्ञक तिथि प्रात: 7.01 तक, तदुपरान्त पंचमी पूर्णा संज्ञक तिथि है

aaj ki kundli in hindi

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चतुर्थी रिक्ता संज्ञक तिथि प्रात: 7.01 तक, तदुपरान्त पंचमी पूर्णा संज्ञक तिथि है। चतुर्थी तिथि में शुभ व मांगलिक कार्य शुभ नहीं होते, पर शत्रुमर्दन, बंधन, अग्निविषादिक कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं। पंचमी तिथि में यथाआवश्यक समस्त शुभ व मांगलिक कार्य, चंचल व स्थिर कार्य सिद्ध होते हैं। पर ऋण देना हितकर नहीं है।

नक्षत्र:
उत्तराफाल्गुनी ‘ध्रुव व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र अन्तरात्रि 4.40 तक, तदन्तर हस्त ‘क्षिप्र व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में विवाह, यज्ञोपवीत, स्थिरता, अलंकार, गृहारंभ और प्रवेश आदि तथा हस्त में यात्रा, विवाहादि, वस्त्र, औषध, घर, प्रतिष्ठादिक कार्य शुभ होते हैं।

योग:
परिघ नामक नैसर्गिक अशुभ योग अपराह्न 3.34 तक, इसके बाद शिव नामक नैसर्गिक शुभ योग है। परिघ नामक योग की पूर्वाद्र्ध घटियां समस्त शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित रखने चाहिए।

विशिष्ट योग: दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग अन्तरात्रि 4.40 से प्रारंभ होगा। रवियोग- तिथि, वार, नक्षत्र जन्य कुयोगों की अशुभताओं को नष्ट कर शुभ कार्यारम्भ के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। करण: भद्रा संज्ञक विष्टि नामकरण प्रात: 7.01 तक, तदुपरान्त बवादि करण हैं।

शुभ विक्रम संवत् : 2074
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 1939
हिजरी संवत् : 1438, मु.मास: जिल्काद-3
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा
मास : श्रावण। पक्ष – शुक्ल।

शुभ मुहूर्त: आज उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में गृहारंभ, गृहप्रवेश, विपणि-व्यापारारम्भ, प्रसूतिस्नान, हलप्रवहण, नामकरण, अन्नप्राशन व कूपारम्भ आदि के तथा हस्त नक्षत्र में विवाह का शुभ
मुहूर्त है।

श्रेष्ठ चौघडि़ए:
आज सूर्योदय से प्रात: 7.32 तक शुभ, प्रात: 10.53 से अपराह्न 3.54 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा सायं 5.34 से सूर्यास्त तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 12.06 से दोपहर 1.00 बजे तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।

व्रतोत्सव: आज मेला बूढ़ी तीज जयपुर (राज. में), नागपंचमी देशाचार से, जाग्रत गौरी पंचमी (उड़ीसा में) है। चन्द्रमा: चन्द्रमा पूर्वाह्न 10.24 तक सिंह राशि में, इसके बाद कन्या राशि में प्रवेश करेगा। दिशाशूल: गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा में दिशाशूल है। प्रात: 10.24 तक सिंह राशि के चन्द्रमा का वास पूर्व दिशा में, इसके बाद कन्या राशि के चन्द्रमा का वास दक्षिण में ही रहेगा। यात्रा में सम्मुख चन्द्रमा धनलाभ कराने वाला व दाहिना चन्द्रमा सुखप्रद माना गया है। राहुकाल: दोपहर बाद 1.30 से अपराह्न 3.00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासम्भव वर्जित रखना हितकर है।

आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (टे, टो, प, पी, पू, ष) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। पूर्वाह्न 10.24 तक जन्मे जातकों की जन्म राशि सिंह, इसके बाद जन्मे जातकों की राशि कन्या है। इन सभी का जन्म रजत पाद से है। सामान्यत: ये जातक विद्वान, बुद्धिमान, विशाल हृदय, धन संचित करने वाले, विलासी, कुशाग्रबुद्धि, अपने पुरुषार्थ से धनार्जन करने वाले तथा बहुसंतति वाले होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 30-32 वर्ष के आस-पास होता है। सिंह राशि वाले जातकों को आज अर्थलाभ होगा। सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
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