रक्षाबंधन 2017 इस बार कई कारणों से बहुत खास बन रहा है, इस दिन चंद्र ग्रहण तथा भद्रा दोनों एक साथ है
रक्षाबंधन 2017 इस बार कई कारणों से बहुत खास बन रहा है। सबसे पहले तो
राखी का त्यौहार सोमवार को आ रहा है अर्थात
सावन की पूर्णिमा इस बार सोमवार को है। साथ ही इस
रक्षाबंधन पर चंद्र ग्रहण भी हो रहा है। इसी दिन सुबह भद्रा भी लगी हुई है जिसके कारण इस बार यह पर्व बहुत ही विशेष हो गया है।
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यह भी पढें: चंद्र ग्रहण में करें ओंकारा का ये छोटा सा जप, मिलेगा चमत्कारिक फलरक्षाबंधन पर 11 बजे से पहले नहीं बांध सकेंगे राखी इस बार
रक्षाबंधन के पर्व पर सुबह भद्रा लगी हुई है जो 11 बजकर 4 मिनट पर समाप्त होगी। ज्योतिष के अनुसार भद्रा को शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है। अतः इस समह बहनें अपने भाईयों को राखी नहीं बांध सकेंगी।
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क्या है भद्रा ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार भद्रा का संबंध सूर्य तथा शनि से है। उग्र स्वभाव की होने के कारण इसे अंग करण में स्थान दिया गया है। भद्रा में किसी भी शुभ कार्य का निषेध किया गया है और भद्रा टलने के बाद ही कार्य करने की आज्ञा दी गई है।
रक्षाबंधन पर है चंद्र ग्रहण
7 अगस्त 2017 को मनाए जा रहे
रक्षाबंधन पर इस बार चंद्र ग्रहण का भी योग बना है। रात्रि 10 बजकर 52 मिनट पर ग्रहण आरंभ होगा जो रात 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। परन्तु ग्रहण का सूतक दोपहर 1 बजकर 52 मिनट से ही आरंभ हो जाएगा। ऐसे में राखी बांधने के लिए केवल 11.04 बजे से लेकर 1.50 बजे तक का ही समय मिलेगा।
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एक दिन पहले भी मनाएंगे राखी हालांकि कुछ लोग इस त्यौहार को एक दिन पहले भी मनाने की तैयारी कर रहे हैं। उनके अनुसार राखी से एक दिन पहले रविवार आ रहा है और कोई अशुभ मुहूर्त भी नहीं रहेगा। अतः वो इसी दिन त्यौहार मनाएंगे।
सोमवार होने से भी खास बन गया है पर्व इस बार कई वर्षों बाद जाकर ऐसा योग बना है कि सावन का महीना सोमवार को आरंभ हुआ और इसी दिन समाप्त भी हो रहा है। इस दिन भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। चन्द्रमा को भी भगवान शिव ने अपने मस्तक पर धारण किया हुआ है। यही कारण है कि इस दिन ग्रहण होने से यह पर्व तंत्र मंत्र के अनुष्ठानों के लिए विशेष बन रहा है।