श्रीमद्भागवत गीता का यह उपाय लाएगा आपके जीवन में सुख, शांति
भागदौड़ भरी जिंदगी में मन की शांति के लिए श्रीमद्भागवत के कुछ श्लोकों का पाठ किया जा सकता है
भागदौड़ भरी जिंदगी में मन की शांति के लिए श्रीमद्भागवत के कुछ श्लोकों का पाठ किया जा सकता है। जीवन में भागदौड़ के चलते मानसिक अशान्ति और क्रोध हमें जल्दी घेरने लगा है। इससे बचने का उपाय है श्रीमद्भागवत गीता। इसके चौदहवें अध्याय के इस श्लोक का गुरुवार या रविवार जाप करने से शांति व सुकून मिलता है –
गुणानेतानतीत्य त्रीन्देही देह समुद्भवान्।
जन्ममृत्युजराहु: खैर्विमुक्तोऽमृतमश्रुते ।।
प्रतिदिन प्रात: काल या सायंकाल इस श्लोक का 21 बार उच्चारण करें और101 बार ‘ऊँ कृष्णाय नम:’ का जाप करें। धर्मशास्त्रीय दृष्टि से जाप के समय प्याज, लहसुन, मदिरा व मांस का सेवन पूरी तरह वर्जित है। तामसी प्रवृत्ति वाले पुरुषों को यह जाप कृष्ण मंदिर या पीपल या वटवृक्ष के नीचे करना चाहिए और गुरुवार को पीले रंग व रविवार को बैंगनी रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। बुुजुर्ग व बीमार लोगों को शनिवार को इस श्लोक के जाप के बाद काले वस्त्रों का दान करना चाहिए। रात्रि में जाप के बाद भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करें।
Home / Astrology and Spirituality / Religion and Spirituality / श्रीमद्भागवत गीता का यह उपाय लाएगा आपके जीवन में सुख, शांति