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आज बुधवार को इन मुहूर्त में करें कोई भी काम, जरूर मिलेगी सफलता

Published: Aug 02, 2017 09:03:00 am

दशमी पूर्णा संज्ञक तिथि दोपहर बाद 2.14 तक, तदुपरान्त एकादशी नन्दा संज्ञक तिथि है

aaj ki kundli

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दशमी पूर्णा संज्ञक तिथि दोपहर बाद 2.14 तक, तदुपरान्त एकादशी नन्दा संज्ञक तिथि है। दशमी व एकादशी तिथियों में विवाहादि समस्त शुभ व मांगलिक कार्य, यात्रा, वास्तु- गृहारंभ व गृहप्रवेश, प्रतिष्ठा, जनेऊ, धार्मिक कार्य और व्रतादि शुभ कहे गए हैं।

नक्षत्र: अनुराधा ‘मृदु व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र अपराह्न 3.16 तक, इसके बाद ज्येष्ठा ‘तीक्ष्ण व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। अनुराधा नक्षत्र में यथाआवश्यक विवाह, जनेऊ, यात्रा, सवारी, वस्त्रालंकार, चर व स्थिर संज्ञक कार्य सिद्ध होते हैं। ज्येष्ठा गण्डांत मूल संज्ञक नक्षत्र भी है। ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातकों की 27 दिन बाद जब ज्येष्ठा नक्षत्र की पुनरावृत्ति हो, उस दिन नक्षत्र शांति करा लेनी चाहिए।

योग: ब्रह्म नामक नैसर्गिक शुभ योग सायं 4.09 तक, तदुपरान्त ऐन्द्र नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। विशिष्ट योग: दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग व अमृत-सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग सूर्योदय से अपराह्न 3.16 बजे तक है। रवियोग पुन: प्रारंभ रात्रि 3.03 से। करण: गर नामकरण दोपहर 2.14 तक, इसके बाद रात्रि 3.26 तक वणिज नामकरण, तदन्तर भद्रा प्रारंभ हो जाएगी। भद्रा स्वर्गलोक की है। जो लाभप्रद है।

शुभ विक्रम संवत् : 2074
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 1939
हिजरी संवत् : 1438, मु.मास: जिल्काद-9
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा
मास : श्रावण। पक्ष – शुक्ल।

शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज अनुराधा नक्षत्र में विवाह, गृहारम्भ, गृहप्रवेश, विपणि-व्यापारारम्भ, वाहन क्रय करना, मशीनरी प्रारम्भ, जलवा, चूड़ाकरण, सगाई, नामकरण, अन्नप्राशन, कूपारंभ व हलप्रवहण आदि के शुभ मुहूर्त हैं।

श्रेष्ठ चौघडि़ए:
आज सूर्योदय से प्रात: 9.14 तक लाभ व अमृत, पूर्वाह्न 10.54 से दोपहर 12.33 तक शुभ तथा अपराह्न 3.54 से सूर्यास्त तक चर व लाभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं। बुधवार को अभिजित नामक मुहूर्त शुभ कार्यों में त्याज्य हैं।

व्रतोत्सव: झूलन यात्रा प्रारंभ (प्रदोष में)। चन्द्रमा: चन्द्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि वृश्चिक राशि में है। ग्रह राशि-नक्षत्र परिवर्तन: सूर्यदेव आज रात्रि 3.03 पर अश्लेषा नक्षत्र में तथा बुध रात्रि 11.25 पर पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। दिशाशूल: बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर आज वृश्चिक राशि के चन्द्रमा का वास उत्तर दिशा की यात्रा में सम्मुख रहेगा। याद रखें- यात्रा में सम्मुख चन्द्रमा धनलाभ कराने वाला माना गया है। राहुकाल: दोपहर 12.00 से दोपहर बाद 1.30 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासम्भव वर्जित रखना हितकर है।

आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (ने, नो, या, यी, यू) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि वृश्चिक है तथा जन्म ताम्र पाद से है। सामान्यत: ये जातक धनवान, प्रतिभावान, धर्मकार्यों के ज्ञाता, परिवार की भलाई के इच्छुक, शुद्ध विचार वाले, विद्यावान, कलाकार, कामधंधे में निपुण, बुद्धिमान, चतुर, थोड़े क्रोधी, पर संतोषी होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 38 वर्ष के बाद ही होता है। वृश्चिक राशि वाले जातकों को आज शैक्षणिक क्षेत्र में सफलता मिलेगी, जोब चाहने वाले जातकों को राह मिलेगी।

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