आज इन कार्यों को करने से लग जाएगी लॉटरी, बरसेगा पैसा ही पैसा
Published: Jul 31, 2017 09:15:00 am
अष्टमी जया संज्ञक तिथि प्रात: 9.47 तक, तदन्तर नवमी रिक्ता संज्ञक तिथि है
अष्टमी जया संज्ञक तिथि प्रात: 9.47 तक, तदन्तर नवमी रिक्ता संज्ञक तिथि है। अष्टमी तिथि में नाचना, गाना, मनोरंजन के कार्य, वास्तु, प्रतिष्ठा और विवाहादि मांगलिक कार्य प्रशस्त हैं। नवमी रिक्ता संज्ञक तिथि में विग्रह, कलह, जुआ, मद्य, आखेट, बंधन व अग्निविषादिक कार्य सिद्ध होते हैं। शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित हैं।
नक्षत्र: स्वाति ‘चर व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र प्रात: 9.40 तक, इसके बाद विशाखा ‘मिश्र व अधोमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। स्वाति नक्षत्र में देवालय, विवाहादि मांगलिक कार्य, वस्त्रालंकार, वास्तु, बीजादि रोपण आदि कार्य शुभ कहे गए हैं। पर विशाखा नक्षत्र में पदार्थ संग्रह, कारीगरी, चित्रकारी, प्रहार और औषध सेवन आदि विषयक कार्य सिद्ध होते हैं।
योग: शुभ नामक योग दोपहर बाद 2.28 तक, तदन्तर शुक्ल नामक योग है। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं। विशिष्ट योग: यमघंट नामक अशुभ योग तथा दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग प्रात: 9.40 से अगले दिन सूर्योदय तक है। करण: बव नामकरण प्रात: 9.47 तक, इसके बाद बालवादि करण हैं।
शुभ विक्रम संवत् : 2074
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 1939
हिजरी संवत् : 1438, मु.मास: जिल्काद-7
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा
मास : श्रावण। पक्ष – शुक्ल।
शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज स्वाति नक्षत्र में विवाह, गृहप्रवेश, गृहारम्भ (तिथि त्याज्य), वाहन क्रय, मशीनरी लगाना, हल प्रवहण आदि के और चूड़ाकरण के चित्रा व स्वाति नक्षत्र में शुभ मुहूर्त हैं।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से प्रात: 7.34 तक अमृत, प्रात: 9.14 से 10.53 तक शुभ तथा दोपहर बाद 2.13 से सूर्यास्त तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 12.06 से दोपहर 12.59 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
व्रतोत्सव: आज दुर्गाष्टमी, श्रावण के चतुर्थ वन सोमवार व्रत, मेला नयनादेवी व चिन्त्यपूर्णी (हिमाचल प्रदेश में)। चन्द्रमा: चन्द्रमा अन्तरात्रि अगले दिन सूर्योदय पूर्व प्रात: 5.40 तक तुला राशि में, तदुपरान्त वृश्चिक राशि में रहेगा। दिशाशूल: सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज पश्चिम दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। राहुकाल: प्रात: 7.30 से 9.00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासम्भव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (ति, तू, ते, तो, न) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। अन्तरात्रि अगले दिन सूर्योदय पूर्व प्रात: 5.40 तक जन्मे जातकों की राशि तुला, इसके बाद जन्मे जातकों की राशि वृश्चिक है। इनका जन्म ताम्रपाद से हुआ है। जो शुभ व सुखद है। सामान्यत: ये जातक धर्मपरायण, दानी, सत्यप्रिय, व्यापारादि में निपुण, ऐश्वर्यवान, सुन्दर, कामासक्त पर कभी-कभी छल प्रपंच में लिप्त हो जाने वाले होते हैं। भाग्योदय वर्ष 21-28 व 34वां। तुला राशि वाले जातकों को आज पारिवारिक सुख का अनुभव होगा। जायदाद में वृद्धि के योग बनेंगे। उच्चस्तरीय, चौपहिया वाहन आदि क्रय करने का मन बनेगा।