अयोध्या | धार्मिक नगरी अयोध्या के कुछ मंदिरों में झूलनोत्सव का कार्यक्रम प्रारंभ हो गया है | इस मनोहारी दृश्य को देखने दूर दूर से श्रद्धालु अयोध्या पहुँच रहे हैं जिस से राम की नगरी में इन दिनों बेहद निराली छटा देखने को मिल रही है। सावन के सुहाने पर्व पर धार्मिक नगरी के दो मंदिरों में झूले पर विराजमान भगवान राम-सीता के विग्रह लोगों की आस्था का केंद्र है। पूर्णिमा के पर्व से रामकोट स्थित प्राचीन रंगमहल में चल रहे झूलनोत्सव की कड़ी में झूले पर विराजमान भगवान युगल सरकार की फूलबंगले की भव्य झांकी सजाई गई। इस झांकी का दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ रामनगरी के धर्माचार्य भी पहुंचे। वहीं इस दौरान आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में कथक कलाकारों ने भजन और पदों के गायन के साथ भाव प्रवणता एवं चपलता का जलवा बिखेरा। कलाकारों की प्रस्तुतियों से भाव विभोर श्रोता-श्रद्धालु झूम उठे।इस आयोजन में शामिल होने बड़ी संख्या में भक्त श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे।
सदियों से चली आ रही परम्परा का हुआ भावपूर्ण आगाज़
झूलनोत्सव के इस पर्व पर मंदिर परिसर में आयोजित भजन संध्या में ‘जरा झूलो न लाला हमारे संग, तुम प्रीतम हम प्यारी बनी, तुम दीपक मेरे नैना पतंग, जरा झूलो न लाला हमारे संग..’ के अलावा ‘रंगीले तेरी झूलन है अति प्यारी, झूलन झोंकन हसन लालन की, चितवन नयन कटारी.’ के पदों के गायन से वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में पुजारी राहुल दास, विजयराम शरण, गंगा शरण कोठारी, हेमंत दास, रघुवीर दास, साकेत दास व राम दास भी शामिल हुए और आराध्य को रिझाते हुए पदों का गायन किया। इस मौके पर मंदिर के महंत रामशरण दास महाराज ने अतिथियों एवं संत-महंतों का अभिनंदन करते हुए बताया कि आचार्य परम्परानुसार सावन मास पर्यन्त चलने वाले झूलनोत्सव के दौरान कृष्ण पक्ष की एकादशी पर फूलबंगले की झांकी एवं शुक्ल पक्ष की एकादशी के अवसर पर गलबहियां की झांकी का आयोजन किया जाता है।