कैश न होने पर चल चुके हैं ईंट-पत्थर और हुआ है बवाल। रोजाना 50 करोड़ कैश की है बैंकों को जरूरत, मिल रहा केवल 12 से 15 करोड़ रुपये।
आजमगढ़. नोट बंदी के बाद जिले में नकदी का संकट तेजी से बढ़ा है। अब तक कई बैंकों पर विरोध प्रदर्शन व तोड़ फोड़ की घटनाएं भी हो चुकी हैं। मंगलवार को तो पुलिस को भीड़ खदेड़ने के लिए लाठी चार्ज करनी पड़ी और पीएसी तैनात करनी पड़ी। गुरूवार से यह संकट और भी गंभीर रुप ले सकता है, वजह कि एक से तीन दिसम्बर तक वेतनभोगी व पेंशनर भी रुपये के लिए लाइन में लगेंगें। बैंक व जिला प्रशासन भी इसे लेकर सतर्क है। सूत्रों की मानें तो पेंशन और वेतन भोगियों के लिए अलग काउंटर लगाये जा सकते हैं।
यह है बैंकिंग व्यवस्था
आजमगढ़ जनपद में 301 बैंक शाखाएं हैं। इसके अलावा 33 बैंक कोआपरेटिव के हैं। इसमें यूबीआई की 107, ग्रामीण की 185, एसबीआई की 33, पीएनबी की 16, इलाहाबाद बैंक की 19 व अन्य बैंकों की दो-दो, चार-चार शाखाएं हैं। इसके अलावा लेनदेन की व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए 252 एटीएम लगाये गये हैं।
एक दिन में 90 करोड़ का लेनदेन
आजमगढ़ से बैंक और एटीएम को मिला कर प्रतिदिन 50 करोड़ रुपये की निकासी होती है। जबकि 35 से 40 करोड़ रुपये प्रतिदिन बैंकों में जमा होते हैं। नोट बंदी के बाद रुपये का जमा होना लगभग बंद हो चुका है। वहीं लोगों की जरूरतें कम नहीं हुई है बल्कि बैंक से धन निकालने वालों की संख्या बढ़ी है जिसके कारण यह दिक्कतें आ रही हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक 35 से 40 करोड़ जमा होते थे और 50 करोड़ की निकासी होती थी तो औसतन प्रतिदिन दस से 12 करोड़ रुपयों की जरूरत होती थी। लेकिन अब नोटबंदी से दिक्कत बढ़ी है। कारण आम आदमी रुपया जमा नहीं कर रहा है और सरकार जरूरत के मुताबिक कैश दे नहीं रही है।
12 से 15 करोड़ आ रहा है कैश
जिले में औसतन प्रतिदिन 50 करोड़की निकासी होती है। जिले में नोटबंदी के बाद 12 से 15 करोड़ रुपये ही बैंकों को कैश प्राप्त हो रहे हैं जिसके कारण बैंक मनचाही रकम भुगतान करने में अक्षम है और कैश भी खतम हो जा रहा है। परिणामस्वरुप भीड़ विरोध प्रदर्शन के लिए विवश हो रही है।
एक दिसम्बर से बढ़ेगी परेशानी
बैंकों को कैश 12 से 15 करोड़ ही पिछले एक हप्ते से प्राप्त हो रहा है। आगे भी इससे ज्यादा मिलने की उम्मीद नहीं है जबकि एक दिसम्बर से वेतनभोगी व पेंशनधारक भी पैसा निकालने के लिए मशक्कत करते नजर आयेंगे। ऐसे में नकदी का संकट और बढ़ेगा।
नदगी समस्या का जल्द समाधान दृ एलडीएम
एलडीएम मनोज कुमार का कहना है नोटबंदी के बाद निकासी तो हो रही है लेकिन धन जमा नहीं हो रहा है जिसके कारण यह संकट है। गुरूवार से वेतनभोगियों और पेंशन धारकों का भी भुगतान होना है तो समस्या बढ़नी स्वाभाविक है लेकिन इस समस्या के समाधान का प्रयास किया जा रहा है। अलग काउंटर या विभाग के माध्यम से भुगतान की व्यवस्था की जा सकती है।
एक दिन पहले रात में बैंक से कैश न मिलने पर हुआ बवाल
नोट के लिए यहां हो चुका है बवाल
बैक में कैश समाप्त होने को लेकर जिले में अब तक आधा दर्जन स्थानों पर बवाल हो चुका है। मंगलवार को सरायमीर थाना क्षेत्र के सिकरौर बाजार में लोगों ने बैंक के सामने सड़क जाम किया। इसके बाद शाम को स्थित नियत्रण के बाहर हो गयी। भीड़ ने बैंक पर पथराव कर दिया जिससे आसपास की दुकानें भी क्षतिग्रस्त हो गयी। भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। साथ ही मौके पर पीएसी तैनात करनी पड़ी। इसके पूर्व मुबारकपुर कस्बा, सठियांव, निजामबाद के कोटिला, माहुल, रौनापार आदि स्थानों पर बैंक के सामने लोग सडक जामकर प्रदर्शन कर चुके है। रौनापार पुलिस ने सड़क जाम करने के मामले में पुलिस ने तीन नामजद और 12 अज्ञात के खिलाफ मामला पंजीकृत किया है।