scriptइस रसायन का किया प्रयोग तो गेंहूं की फसल हो सकती है बर्बाद  | this chemical harm full for wheat crop | Patrika News
आजमगढ़

इस रसायन का किया प्रयोग तो गेंहूं की फसल हो सकती है बर्बाद 

पीलापन आना कुछ गेहूं प्रजातियों का आनुवंशिक गुण…

आजमगढ़Dec 08, 2016 / 06:58 pm

ज्योति मिनी

wheat

wheat

आजमगढ़. फसल जमाव के बाद पौधे का पीला होना आम बात है। गेहूं की फसल में पीलापन को रोकने के लिए किसान रासायनिक उर्वरकों का अधिक से अधिक प्रयोग करते हैं। लेकिन इसका दुष्परिणाम भी उन्हें भुगतना पड़ता है। कृषि वैज्ञानिक मानते हैं कि रासायनिक उर्वरकों का अधिक प्रयोग उत्पादन पर बुरा असर डालता है। उर्वरक प्रयोग हमेशा संतुलित मात्रा में करना चाहिए। वैज्ञानिकों पर विश्वास करें तो फसलों का पीलापन तापमान सामान्य होने पर खुद ब खुद समाप्त हो जाता है। 

कृषि विज्ञान केन्द्र कोटवां के सस्य वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह व कीट वैज्ञानिक डॉ. रुद्रप्रताप सिंह के मुताबिक गेहूं की फसल में पीलापन को रोकने के लिए रसायनों का अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए। अधिक उर्वरक प्रयोग से कई तरह के नुकसान होते हैं।

फसल की लागत बढ़ती है जिससे किसानों को मिलने वाला शुद्ध लाभ घट जाता है। पिछले कुछ वर्षों से यह देखा जा रहा है कि गेहूं की बोआई के 6-7 सप्ताह बाद फसल में पीलापन की समस्या बढ़ जाती है। इससे फसल खराब हो जाती है और उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। पीलापन से निजात पाने के लिए किसान यूरिया व अन्य कृषि रसायनों का अनावश्यक प्रयोग करते हैं।

जबकि इस समस्या का निवारण विशेषज्ञों की सलाह से ही करना चाहिए। कारण कि फसल में नाइट्रोजन, फास्फोरस, लोहा, सल्फर व मैगनीज जैसे पोषक तत्वों की कमी के साथ-साथ दीमक के प्रकोप से भी पीलापन आ सकता है। सर्दी के समय कई दिनों तक धूप न निकलने, फसल में अधिक पानी लगने, बादल व कोहरा छाये रहने, लम्बे समय तक खेत में नमी बने रहने के कारण भी पौध पीला होता है। 

यह तापमान सामान्य होने पर अपने आप ठीक हो जाता है। पीलापन का एक कारण कच्ची गोबर के खाद का प्रयोग एवं खरपतवार नाशी का अधिक प्रयोग हो सकता है। वहीं डब्ल्यूएच-147, पीबीडब्ल्यू-343, डब्ल्यूएच-283 गेहूं की ऐसी प्रजाति है जिसमें 6-7 सप्ताह बाद पीलापन आना उसका जातीय गुण है जो समय बढऩे के बाद अपने आप ठीक हो जाता है। पीलापन के निवारण के लिए किसान आमतौर पर यूरिया का अधिक मात्रा में छिड़काव कर देते हैं जो गलत है। अत्यधिक यूरिया के प्रयोग से फसल लम्बे होकर गिरने लगते है। इसका उपज पर बुरा प्रभाव पड़ता है इसलिए जरूरी है कि किसान पीलेपन के कारण को जानें और उसके बाद आवश्यकतानुसार उचित मात्रा में उर्वरक या कीटनाशी का प्रयोग करें।

Home / Azamgarh / इस रसायन का किया प्रयोग तो गेंहूं की फसल हो सकती है बर्बाद 

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो