प्रशिक्षित अभिभावक ला सकते हैं ऑटिस्टिक बच्चों में सुधार
ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑडर (एएसडी) एक
गंभीर स्थिति है, जो बच्चों में कम उम्र से ही शुरू होती है
न्यूयार्क। ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑडर से पीडित बच्चों को माता-पिता से मिला प्रशिक्षण उनके व्यवहार में सुधार ला सकता है। एक नए शोध में यह पता चला है कि यदि अभिभावकों को ऑटिज्म से जुड़े व्यवहार जैसे, गुस्सा आना, खुद के प्रति आक्रमक होना, नखरे दिखाना और बातें नहीं मानना के बारे में जानकारी और प्रशिक्षण मिला हो, तो बच्चों में व्यवहारात्मक सुधार आता है।
ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑडर (एएसडी) एक गंभीर स्थिति है, जो बच्चों में कम उम्र से ही शुरू होती है। इस बीमारी में मरीज में सामाजिक संचार का अभाव और व्यवहार में दोहराव देखा जाता है। अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर डेनिस सुखोडोल्स्की ने कहा कि हमारे शोध से पता चलता है कि ऑटिज्म से पीडित बच्चों के अभिभावकों को इस बीमारी के प्रबंधन का प्रशिक्षण मिले तो बच्चे में बात बात पर तंग करना और बात नहीं मानना जैसे व्यवहार में सुधार देखे जा सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के लिए ऑटिज्म से पीडित तीन से सात वर्ष के बीच की आयु वाले 180 बच्चों के अभिभावकों को 24 सप्ताह के प्रशिक्षण के लिए बुलाया। इन अभिभावकों को दो समूहों में बांटा गया और एक समूह को ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिजॉडर से संबंधित जरूरी जानकारियां दी गई, जबकि दूसरे समूह को बीमारी के प्रबंधन का प्रशिक्षण भी दिया गया।
येल यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर जेम्स डीजुरा ने बताया कि दोनों समूहों के बच्चों के व्यवहार में सुधार देखा गया, लेकिन जिन अभिभावकों को जानकारी के साथ प्रशिक्षण दिया गया था, उनके बच्चों में बात नहीं मानने की आदत और आक्रमक स्वभाव में सकारात्मक सुधार देखे गए। यह शोध जर्नल अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) में प्रकाशित हुआ है।
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