मॉडल स्कूल पर जल्दी होगा निर्णय
बहुप्रतिक्षित मॉडल स्कूल के संचालन पर इसी माह सकारात्मक निर्णय हो सकता है।
बहुप्रतिक्षित मॉडल स्कूल के संचालन पर इसी माह सकारात्मक निर्णय हो सकता है। मॉडल स्कूल प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की तृतीय चरण के मॉडल स्कूलों के संचालन के संबंध में इस माह के अंत में बैठक होगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार बैठक में हनुमानगढ़ के मॉडल स्कूल पर सकारात्मक निर्णय की संभावना है। अगले शिक्षा सत्र में प्रवेश प्रारंभ किए जा सकते हैं। यद्यपि डाइट परिसर के पास आवंटित भूमि पर स्थाई भवन निर्माण तक मॉडल स्कूल का संचालन अस्थाई रूप से किसी अन्य भवन में किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने जिले का मॉडल स्कूल दूसरे चरण में मंजूर कर दिया था। लेकिन जमीन आवंटन को लेकर बरती सुस्ती के कारण मॉडल स्कूल द्वितीय चरण में संचालित नहीं हो सका। प्रदेश में जहां द्वितीय चरण में मॉडल स्कूल स्वीकृत हुए थे, वहां उनके भवन बनाकर संचालन करते हुए दो शिक्षा सत्र बीत चुके हैं। लेकिन जिला दूसरे चरण से वंचित होकर तीसरे चरण में अटक गया।
निर्माण नहीं शुरू
जानकारी के अनुसार मॉडल स्कूल भवन के लिए डाइट के पास जमीन आवंटित की गई है। इस बात को दो साल बीत चुके हैं। लेकिन अभी तक निर्माण के लिए निविदा जारी नहीं हुई है। अगर अप्रूवल कमेटी नए सत्र में स्कूल संचालन की मंजूरी दे दे तो स्थाई भवन शायद ही सत्र प्रारंभ होने तक तैयार हो। ऐसे में भवन बनने तक उसे किसी अन्य सरकारी विद्यालय में संचालित किया जा सकता है। जैसे केन्द्रीय विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। उसका भी भवन अभी नहीं बना है। वैसे रमसा ने वर्ष 2013 में मुख्यालय के आदेश पर जिले के तीन विद्यालयों के नाम भी भिजवाए थे। उनमें अस्थाई स्कूल संचालन के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं।
सुस्ती पड़ी भारी
केन्द्र सरकार की प्रोजेक्ट अप्रूवल कमेटी ने नवम्बर 2012 में जिले में मॉडल स्कूल की स्वीकृति दी थी। लेकिन नगर परिषद से समय पर जमीन आवंटित नहीं करवाई जा सकी। परिणामत: इसे तीसरे चरण में शामिल कर लिया गया। बाद में इसके लिए अबोहर रोड पर नगर परिषद ने 514 गुणा 424 वर्ग फीट भूमि आवंटित की। लेकिन भवन निर्माण की निविदा अब तक जारी नहीं हो सकी है। तीन करोड़ रुपए से भी अधिक लागत से बनने वाले इस स्कूल में निजी विद्यालयों से भी बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।
इसलिए है जरूरी
शिक्षा विभाग के अनुसार हनुमानगढ़ ब्लॉक शिक्षा की दृष्टि से पिछड़ा ब्लॉक (ईबीबी) तथा एनपीजीईएल ब्लॉक माना जाता है। इसलिए रमसा के तहत हनुमानगढ़ ब्लॉक का मॉडल स्कूल के लिए चयन किया गया था। विद्यालय में कम्प्यूटर लैब, प्रयोगशाला सहित अन्य कई सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसमें कक्षा 6 से 12 तक का संचालन किया जाएगा तथा सीटें सीमित होंगी। इसलिए परीक्षा के आधार पर स्कूल में प्रवेश मिलेगा। विद्यालय की अधिकांश व्यवस्थाएं केन्द्रीय विद्यालय के समकक्ष रहेंगी। इसमें राज्य सरकार की सिफारिश के आधार पर प्रतिनियुक्ति पर स्टाफ लगेगा।
निर्णय देख कार्य
मॉडल स्कूल संचालन की मंजूरी को लेकर प्रोजेक्ट अप्रूवल कमेटी की इसी माह बैठक होनी है। उसमें जो निर्णय होगा, उसी के हिसाब से इस दिशा में कार्य होगा। यद्यपि स्कूल संचालन को लेकर फिलहाल कोई दिशा-निर्देश नहीं है। – शिवरतन वर्मा, जिला परियोजना समन्वयक रमसा।
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