बड़वानी. सरदार सरोवर के डूब प्रभावित जहां संपूर्ण पुनर्वास को लेकर बड़वानी, धार जिले के डूब गांवों में क्रमिक अनशन कर रहे है। वहीं, जिला प्रशासन डूब गांवों को खाली कर डूब प्रभावितों को पुनर्वास स्थलों पर भेजने के लिए सारी कवायदों में लगा हुआ है। मंगलवार को अनशन पर बैठे डूब प्रभावितों के बीच नर्मदा बचाओ आंदोलन नेत्री मेधा पाटकर ने पहुंचकर अंतिम दम तक हक की लड़ाई लडऩे का संकल्प लिया। मेधा पाटकर ने कहा सरकार लोगों को डुबों कर ही बांध को भरना चाहती है। वहीं, मंगलवार को इंदौर संभागायुक्त संजय दुबे ने भी पुनर्वास स्थलों का निरीक्षण किया और उचित व्यवस्था के निर्देश दिए। बड़वानी जिले के डूब गांव बगुद, पिछोड़ी और अवल्दा में डूब प्रभावितों का क्रमिक अनशन जारी है। मंगलवार को नबआं नेत्री मेधा पाटकर डूब प्रभावित बगुद पहुंचीं। यहां मेधा पाटकर ने डूब प्रभावितों से चर्चा करते हुए कहा कि अब लगने लगा है कि सरकार की मंशा हमें डुबोने की ही हैं। सरकार चाहे किना भी धमका ले, हमें किसी भी कीमत पर बिना संपूर्ण पुनर्वास के मूलगांव नहीं छोडऩा है। सरकार चाहे वचन पत्र भरा ले, वो डूब प्रभावितों के खिलाफ ही जाने वाले है। मप्र सरकार सर्वोच्च अदालत 8 फरवरी 2017 के आदेश का पालन नहीं कर रही है। 681 परिवारों को 60 लाख रुपए देना था। वह भी अभी तक नहीं दिया गया है। इसके अतिरिक्त 1358 परिवारों को 15 लाख रुपए मिलना था। उसमें 700 लोगों को भुगतान किया गया था। बाकी विस्थापितों को आज तक नहीं मिला गया है, उस पर सरकार चुप बैठी हुई हैं।
संभागायुक्त कन्नी क्यों काट रहे
मेधा पाटकर ने कहा मंगलवार को संभागायुक्त संजय दुबे ने डूब गांवों के पुनर्वास स्थलों का दौरा किया, लेकिन डूब प्रभावितों से चर्चा करना उचित नहीं समझा। धार के निसरपुर में डूब प्रभावितों ने उनसे चर्चा करने का प्रयास किया तो वे कन्नी काटकर चले गए। उन्हें डूब प्रभावितों से पूछना चाहिए कि कितने परिवारों का पुनर्वास बाकी है, लेकिन वे पूछ नहीं रहे हैं। सरकार सिर्फ कागजों पर ही पुनर्वास कराना चाहती है। कमिश्नर पुनर्वास स्थलों पर टीन शेडों की व्यवस्था देख रहे है, क्या टीन शेड में कोई जीवन गुजार सकता है।
कमिश्नर ने देखी व्यववस्थाएं
इंदौर संभागायुक्त संजय दुबे ने मंगलवार को जिले के पुनर्वास स्थल मोरकट्टा, बोरखेड़ी, सौंदुल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने यहां उपलब्ध सुविधाओं को देख संबंधित विभाग के अफसरों को आवश्यक निर्देश भी दिए। इसके बाद वे अंजड़ में डूब प्रभावितों के लिए बन रहे टीन शेड और पशुओं के लिए बने टीन शेड भी देखने पहुंचे। कमिश्नर ने मंगलवार को अपने दौरे के दौरान राजघाट भी पहुंचकर सरदार सरोवर की आने वाली डूब की सीमा तथा की जाने वाली व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने इस स्थल पर निर्मित महात्मा गांधीजी के स्मारक को भी देखा एवं उसे अन्यन्त्र विस्थापित करने संबंधी जानकारी कलेक्टर से प्राप्त की। साथ ही यहां बने मंदिरों की भी व्यवस्था सभी संबंधितों के सहयोग एवं सहमति से करवाने के निर्देश कलेक्टर को दिए।
बाले-बाले चले गए अधिकारी
संभागायुक्त के राजघाट आने की सूचना नर्मदा ट्रस्ट के लोगों को नही होने से उन्होंने नाराजगी व्यक्त की है। नर्मदा भक्त मनीष शुक्ला ने बताया कि रोहिणी तीर्थ के विस्थापन को लेकर ट्रस्ट द्वारा पूर्व में भी कलेक्टर को आवेदन देकर अवगत कराया था, लेकिन उस पर अब कोई विचार नही किया गया है। अगर उन्हें कमिश्नर के आने की जानकारी होती तो वे उनके सामने भी अपनी बात रखते, लेकिन अधिकारी बाले-बाले आए और चले गए। जिससे हम लोग अपनी बात नही रख पाएं।
Hindi News/ Badwani / लोगों को डुबों कर ही बांध भरना चाहती सरकार..!