नशामुक्त भारत आंदोलन की यात्रा 16 सितंबर को राजघाट से शुरु होगी। इस यात्रा को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
इंदौर/बड़वानी. नशामुक्त भारत आंदोलन की यात्रा 16 सितंबर को मध्यप्रदेश के बडवानी में राजघाट से शुरु होगी। ये वाही जगह है जहां पिछले 34 दिनों से सरदार सरोवर बाँध के डूब प्रभावित नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर के नेतृत्व में धरने पर बैठे हुए हैं। अब राजघाट से इस यात्रा को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
इस दौरान मेधा पाटकर, डॉ. सुनीलम और जन आंदोलन के सैकड़ों कार्यकर्ता सम्मिलित होंगे। राजघाट में गांधी समाधि से शुरु यात्रा पूरे प्रदेश में शराबबंदी की मांग करेगी। नशा मुक्त भारत आंदोलन के संयोजक डॉ. सुनीलम ने बताया कि बिहार की तरह प्रदेश में शराब बंद कराने के लिए 16 सितंबर से 28 सितंबर तक 24 जिलों की यात्रा की जाएगी।
राजघाट से शुरु यात्रा इंदौर, देवास, सोनकच्छ, आष्टा, सिहोर, भोपाल, सांची, बेगमगंज, सागर, बीना, अशोकनगर, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड, दतिया, पृथ्वीपुर, नौगांव, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया होते हुए कटनी पहुंचेगी। कटनी में प्रदेश यात्रा का समापन 28 को किया जाएगा। इसके बाद बैठक का आयोजन भी होगा।
चलाएंगे हस्ताक्षर अभियान
प्रदेश में शराबबंदी को लेकर नशामुक्त भारत आंदोलन के सदस्य घर-घर जाकर हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे। आंदोलन के तहत प्रत्येक जिले से 5 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य भी रखा गया है। इसके बाद 2 से 12 अक्टूबर तक राष्ट्रीय यात्रा निकाली जाएगी। मध्यप्रदेश नशामुक्तयात्रा के लिए डॉ. सुनीलम, एडवोकेट आराधना भार्गव, चैतू पटेल, रमेश शर्मा, नितिन सक्सेना, दीपक सक्सेना, महेंद्र अठया तथा नन्दलाल, राष्ट्र सेवा दल को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मेधा पाटकर व अन्य शामिल होंगे।
सत्याग्रहियों को समर्थन दे चुके हैं नीतीश कुमार
बता दें कि पिछले 34 दिनों से सरदार सरोवर बाँध के डूब पीड़ित बडवानी के राजघाट पर धरने पर बैठे हुए हैं। नर्मदा बचाओ आंदोलन के इस जल, जंगल, जमीन हक सत्याग्रह को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी समर्थन मिल चुका है। नीतीश ने पत्र लिखकर इस आंदोलन का समर्थन किया था। साथ ही नीतीश नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं के संघर्ष को लेकर सरकार की भूमिका पर भी चिंता भी व्यक्त कर चुके हैं।